रायपुर। जिला सहकारी बैंक की शाखाओं में एक बार फिर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी पकड़ी गई है। भ्रष्टाचार के आरोप में समिति के 5 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं 2 का डिमोशन किया गया है। यह कार्रवाई जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के स्टाफ उपसमिति की बैठक के बाद की गई।
बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं और सहकारी बैंक के सीईओ प्रभात मिश्रा उपस्थित थे। सहकारी बैंक के जिन कर्मचारियों पर गाज गिरी है। इन पर धान खरीदी में गड़बड़ी, बैंक से फर्जी तरीके से पैसे का आहरण सहित अनेक मामले दर्ज किए गए थे। गड़बड़ी सामने आने के बाद सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। इस कार्रवाई से बैंक में हड़कंप मच गया है।
इन पर हुई कार्रवाई
करुणेश कुमार चंद्राकर कनिष्ठ, लिपिक ने सेवा सहकारी समिति कोरबी, बैंक बलौदा में लघु कृषक रामकुमार को शीर्ष कृषक के रूप में अधिक केसीसी लोन दे दिया। जांच में पाया गया कि 1 करोड़ 53 लाख 82 हजार 902 रुपए की गड़बड़ी की गई है। विरेन्द्र कुमार आदित्य ने संस्था प्रबंधक शाखा सीपत शाखा में 95 हजार रुपए का जो आहरण पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा के संयुक्त खाते से हुआ इसके लिए ब्रांच मैनेजर को भी जिम्मेदार माना गया। आरोप प्रमाणित पाए गए।
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प्रवीण कुमार शर्मा, कनिष्ठ लिपिक ने पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा के संयुक्त खाता जो सीपत सहकारी शाखा में संचालित है, से अलग-अलग तिथियों में 95 हजार रुपए निकाल लिए। प्रकाश चंद कुभंज, लिपिक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ खाताधारकों/ बैंक के अनपोस्टेड खातों से अनियमित तरीके से नकद एवं ट्रांसफर द्वारा गड़बड़ी के संबंध में जांच कराई गई। शशांक शास्त्री, भृत्य प्रधान कार्यालय: भृत्य मई 2018 से बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित था। विभागीय जांच कराई गई।
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