नई दिल्ली। गांधी परिवार के दामाद व कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम आतंकी हमले पर शर्मनाक बयान दिया है। उन्होंने इस आतंकी हमले को सांप्रदायिकता से जोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि देश में हिंदू-मुसलमान के बीच दरार पड़ गई है। मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं, इसलिए पहलगाम में हिंदुओं का नाम पूछकर गोली मारी गई है।
व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा (robert vadra) ने कहा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा है। मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए लोगों के प्रति हैं। हमारे देश में हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है। इनकी राजनीति से अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं।
वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान देख रहे हैं। वह ऐसा क्यों कर रहे हैं? आप इस आतंकवादी घटना की तह तक पहुंचने की कोशिश करेंगे, तो पता चलेगा कि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है।
इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। उनकी पहचान को देख हत्या प्रधानमंत्री को एक संदेश देने के लिए की गई है, क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर रॉबर्ट वाड्रा को खरी-खरी सुना रहे लोग
एक यूजर रवि व्योम ने लिखा कि ऐसा लगता है कि रॉबर्ट वाड्रा (robert vadra) इस्लामी आतंकवादियों के आधिकारिक प्रवक्ता हैं! कृपया उसे समझाएं कि इस्लामी आतंकवादियों के लिए उनका धर्म सबसे पहले आता है। वे हर उस काफिर को मारने के लिए तैयार रहते हैं, जो उनकी मान्यताओं को नहीं मानते हैं। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक जैसा है।
दूसरे यूजर रिषी बागरी ने लिखा कि रॉबर्ट वाड्रा (robert vadra) ने इस्लामिक आतंकवादियों के हमले को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा “पहचान देखकर किसी की हत्या कर देना, यह प्रधानमंत्री के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं।” यह बेतुका है।
जहां हुआ आतंकी हमला, वह जगह है धरती का स्वर्ग, देखें तस्वीर