रायपुर। सत्ता से बाहर होते ही पूर्व CM भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। जैसे-तैसे पाटन विधानसभा जीतकर प्रतिष्ठा तो बचा ली, लेकिन ED से बच नहीं पाए। राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित होते ही भूपेश बघेल की परेशानी और बढ़ गई। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद 17 मार्च को महादेव सट्टा मामले को लेकर EOW ने पूर्व CM भूपेश बघेल समेत 21 लोगों के खिलाफ रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज कर छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दी है।
ईओडब्ल्यू ने IPC के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश विश्वासघात और जालसाजी सहित कुल 7 धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। कांग्रेस ने पूर्व CM भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से टिकट दिया है। ऐसे में अब एफआईआर दर्ज होने के बाद EOW के रूख पर सबकी नजरें टिकी हुई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि FIR के बाद ईडी उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोक सकती है।
यदि EOW उन्हें ऐसा करने से रोकती है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक प्रत्याशी उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर या आरोप दर्ज होने की जानकारी सार्वजनिक करनी होती है। प्रत्याशी को यह बताना होता है कि उनके किस मामले में अपराध दर्ज है। साथ ही पार्टी को भी यह सूचित करना होता है कि दागी होने के बाद भी टिकट क्यों दी गई। इलेक्शन कमीशन ने इसके लिए एक प्रारूप भी तैयार किया है।
अब भूपेश बघेल को राजनांदगांव के नामांकन के शपथ पत्र में अभी दर्ज हुए मामले की सभी धाराओं 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468, 471 तथा धारा 7, 11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित अधिनियम 2018 का अपराध होने का भी उल्लेख करना पड़ेगा। मिली जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के खिलाफ प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 508 करोड़ रुपए लेने के आरोप में ईओडब्लू और एसीबी विंग ने एफआईआर दर्ज की गई है। भूपेश बघेल पर आरोप है कि उन्होंने महादेव बैटिंग ऐप के मालिक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर को प्रोटेक्शन देने के नाम पर 508 करोड़ रुपए लिए हैं।
हालांकि ये मामला विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने खंडन किया था। साथ ही ये भी कहा था कि अगर भूपेश बघेल पर आरोप लग सकते हैं तो BJP नेताओं पर भी आरोप लगाए जा सकते हैं। किसी के आरोप के आधार पर केस दर्ज नहीं किया जा सकता है। सांसद विजय बघेल ने कसा तंज, कहा- ये तो होना ही था : पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव बैटिंग एप मामले में FIR दर्ज होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो चुकी है।
वहीं पूर्व CM भूपेश बघेल को कांग्रेस के द्वारा राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इससे पार्टी को बड़ा झटका लगने की संभावना है। महादेव सट्टेबाजी में बड़ी रकम के लेनदेन मामले में ED की लगातार कार्रवाई केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में चल रही है। अब दुर्ग सांसद विजय बघेल ने पूर्व CM पर निशाना साधा है। इसी साल 8 और 30 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा राज्य पुलिस को दो रिपोर्ट भेजे जाने के बाद बघेल के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
पूरे मुद्दे पर दुर्ग लोकसभा प्रत्याशी विजय बघेल ने तंज कसते हुए कहा है कि ये तो होना ही था। सभी प्रश्न उठा रहे थे कि कब होगा। अब शुरू हुआ है। अब आगे आगे देखिए होता है क्या। उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार किए हैं तो कानून के शिकंजे में आएंगे ही। उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस के कोई नेता जेल में हैं। तो कई जेल जाने की कगार पर हैं और भूपेश बघेल अंदर भी जा सकते हैं। नामजद FIR दर्ज बता दें कि मामले में पूर्व CM भूपेश बघेल को आरोपी के रूप में नामित कर मामला दर्ज किया गया है। इस ऐप की अनुमानित लेनदेन 6,000 करोड़ बताई जा रही है। भूपेश बघेल पर पुलिस के एफआईआर में आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाया गया है।
वहीं इस एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल हैं। एफआइआर के बाद बोले भूपेश बघेल
1। कहीं भी मेरे नाम का उल्लेख नहीं है। पहले की एफआइआर की कापी में उसमें शुभम सोनी, रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर का नाम है।
ये विशुद्ध रुप से राजनीतिक एफआइआर है। दबाव पूर्वक नाम डाला गया है। राजनीतिक प्रतिशोध के चलते एफआइआर किया गया है। गूगल को हमने ही लिखा था कि महादेव एप को बंद किया जाए। 3। आज भी महादेव एप बंद नहीं है। चार महीने यहां राज्य में भाजपा की सरकार है। केंद्र में पिछले 10 साल से सरकार है। अभी यह सट्टा बंद नहीं हुआ है। यह क्या मोदी की गारंटी, विष्णु के सुशासन पर क्या सट्टा सांय-सांय चल रहा है।
मोदी की गारंटी-विष्णु के सुशासन में यह स्थिति है। 4।14 ऐसी कंपनी है, जिसमें ईडी-आइटी की जांच के बाद सत्ता पक्ष के खाते में पैसा डाला गया। 5। भाजपा को सबसे ज्यादा चंदे देने वाले सट्टेबाज ही है। 6।राजनांदगांव लोकसभा चुनाव भाजपा हार चुकी है। इसलिए बदनाम करने के लिए यह सब किया गया है। मेरे चुनाव लडऩे से भाजपा को पूरे प्रदेश में भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए मेरे नाम को एफआइआर में बाद में डाला गया है। 7। मैं इस गीदड़ भभकी से न तो डरने वाला हूं न ही पीछे हटने वाला हूं।
सूची में मेरा नाम है,लेकिन विवरण में राजनीतिक संरक्षण व अधिकारियों का संरक्षण लिखा है। विवरण में मेरा नाम नहीं है। 9। 4 मार्च को एफआइआर दर्ज करने के बाद ईओडब्ल्यू ने अपने वेबसाइट पर क्यों नहीं डाला। यदि नोटिस मिलता हैं तो मैं जाऊंगा। वकील के माध्यम से भी बात करूंगा। 10। कांग्रेस सरकार ने महादेव एप के खिलाफ 72 एफआइआर, 450 गिरप्तारी की। महादेव एप पर सबसे पहले कार्रवाई हमने शुरु की। 11। महादेव एप से भाजपा ने कितना लिया है। यह बताएं। जितने भी सट्टा भी उसमें 28 प्रतिशत जीएसटी केंद्र सरकार ने लगाया है। सच तो यह है कि महादेव एप पर मैंने कार्रवाई की है।
इससे भाजपा विचलित हो गई है। इसलिए यह कार्रवाई की गई है। बाकी राज्यों में महादेव एप को केंद्र सरकार क्यों बंद नहीं कर रही है। 12। महादेव एप को भारत सरकार क्यों बंद नहीं कर रही है। मेरा आरोप यह है कि महादेव एप से भाजपा ने पैसा लिया है। इसलिए एप के खिलाफ कार्रवाई नही हो रही है।
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लेन देन का ईडी पास भी है हिसाब-किताब ईडी के पास राम गोपाल और टुटेजा की डायरी है। जिसमें सभी दो नंबर के लेन देन का हिसाब-किताब 18 महीने का है। उसके अनुसार भी कार्रवाई ईडी पुख्ता तौर पर मनी लांड्रिंग को सबूत के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकती है। हज़ार करोड़ रुपये से ऊपर का सट्टे का लेन देन इसी डायरी में टुटेजा और राम गोपाल के यहां ज़ब्त हुई है। कागज के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी।
ईडी अब फटाफट अपने द्वारा दर्ज केस को अंजाम तक पहुंचा सकती है। भूपेश बघेल की और भी मुसीबत बढऩे वाली है। ऐसा सूत्रों से जानकारी प्राप्त हो रही है। भूपेश बघेल के ऊपर राजनीतिक संकट और बढ़ेगा। ऐसे आसार राजनीतिक सूत्रों के अनुसार आ रहे है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का नाम सोनिया राहुल और प्रियंका का भी इसी डायरी में होने का प्रमाण है। इसी मनी ट्रेल वाली डायरी में भी दर्ज है। अब इस डायरी का उपयोग और इसके पन्ने अब ईडी के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हो गए हैं।
मनी ट्रेल की जब्त डायरी का सच ईडी ने जो डायरी गोपाल अग्रवाल और अनिल टुटेजा से जब्त की उसमें इस बात का भी प्रमुखता से उल्लेख है कि राज्य सरकार के द्वारा किस तरीक़े से पैसों की वसूली की गई डायरी मेंं रेती, दारू, सट्टा, सीमेंट, बिल्डर, माफिय़ा, स्मार्ट सिटी, खनिज, आयरन ओर, वैक्सीन, सैनीटाइजर से जो पैसे आए उसका उल्लेख है। हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति सहित सरकारी ज़मीन की खरीदी-बिक्री से प्राप्त हुआ विभिन्न मदों से पैसा आना और देश के बड़े कांग्रेसी नेताओं के नाम पर पैसे का प्रतिमाह रायपुर ऑफि़स से जाने का भी उल्लेख है।
जिसमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, पवन बंसल, केसी वेणुगोपाल, प्रदीप नरवाल, संदीप सिंह, मनोज त्यागी जैसे प्रमुख कांग्रेस के नेताओं के अलावा डायरी में गिरीश देवांगन, सुनील अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, आरके श्रीवास्तव, मनीष बंछोर, भूपेश बघेल और उसके बेटे और दामाद का नाम के साथ सनी अग्रवाल, सौम्या चौरसिया, रानू साहू आईएएस, कृष्णा चंद्राकर, सुजीत चंद्राकर, सूर्या तिवारी के नाम है। जैसे बड़े माफिय़ा गिरोह के अलावा रायपुर शहर के सौ लोगों से ज़्यादा का नाम शामिल बताया जा रहा है। जब्त डायरी में उल्लेखित हर घटनाक्रम को ईडी गंभीरता से ले रही है। सोनिया गांधी प्रियंका गांधी राहुल गांधी और एआईसीसी के प्रमुख नेताओं व्दारा जो हफ़्ता वसूली भूपेश सरकार से की जाती थी, उसका राजफास होने में अब ज्यादा देर नहीं है। ऐसा उक्त डायरी के खुलासे के बाद हो सकता है।
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