रायपुर छत्तीसगढ़। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 11 सीट में प्रत्याशी तय करने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। राजनैतिक गलियारों में भी इस बात की काफी चर्चा थी कि कांग्रेस को लोकल नेतृत्व चुनाव के लिए नही मिल पा रहा है। पर आज की वस्तुस्थिति भी यही बयां कर रही है। कांग्रेस पार्टी दुर्ग जिले तक ही सिमट कर रह गई है
छत्तीसगढ़ बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी को लोकल नेतृत्व करने वाले चेहरा नही मिला जिस वजह से दुर्ग जिले के भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर उतारना पड़ा। देवेंद्र यादव के नाम पर सहमति बताकर कांग्रेस पार्टी ने यह बता दिया है कि छत्तीसगढ़ बिलासपुर लोकसभा से उनके पास लोकल कोई भी नेतृत्व नही है जिसके नाम पर पार्टी हाईकमान को भरोसा हो? देवेंद्र यादव के नाम से ED ने मामला पंजीबद्ध किया हुआ है। ED व IT ने भी देवेन्द्र यादव के निवास में छापेमारी की थी। ED ने अपनी जांच में भी देवेंद्र यादव पर रूपए लेने का आरोप लगाया है। न्यायालय में पेश किया गया चालान में भी नाम है न्यायालय से वारंट भी जारी है।
अपनी गिरफ्तारी न हो सके इसलिये इस नेता ने उच्च न्यायालय में (अग्रिम जमानत ) की अर्जी भी उच्च न्यायालय में लगाई थी जो कि न्यायालय ने खारिज कर दिया है फिर ऐसे अपराधी को बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस ने किस लिए चुनावी मैदान में उतारा है। क्या कांग्रेस में ईमानदार प्रत्याशी नहीं बचे हैं। यह अपने आप मे समझ से परे है। बिलासपुर कांग्रेस से कोई भी नेता क्या लोकसभा चुनाव में उतरना नही चाहता था या फिर कांग्रेस पार्टी को बिलासपुर के कांग्रेस नेताओ पर भरोसा ही नही रहा।
दमदार नेताओ के नाम से पहचाने जाने वाला बिलासपुर संभाग आज कांग्रेस पार्टी के लिये नेतृत्व विहीन हो गया यह अपने आप मे सोचनीय प्रश्न है। कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से जनता भी यह समझ चुकी है कि कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर चुकी है। पार्टी के इस फैसले से कांग्रेस के अंदर अब विरोध की बाते भी सुनने में आने लगी है।
महासमुंद और राजनांदगांव में भी नहीं मिले चेहरा
छत्तीसगढ़ की लोकसभा में कांग्रेस को केवल दुर्ग जिले से ही प्रत्याशी लेना तय कर लिया था। इसीलिए पूर्व CM और दुर्ग जिले के पाटन से MLA महादेव सट्टा एप के आरोपी भूपेश बघेल को कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को बतौर कांग्रेस प्रत्याशी महासमुंद लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा गया है। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव को बिलासपुर लोकसभा के लिए कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया गया। क्या जनता इन नेताओं को स्वीकार करेगी?ऐसे बहुत से सवाल अब राजनैतिक गलियारों में उठने लगे है।
एक व्यक्ति तभी नेतृत्व कर सकता है जब अन्य लोग उसे अपना नेता स्वीकार करें, और उसके पास केवल उतना ही अधिकार है जितना उसकी प्रजा उसे देती है। एक अपराधी आपके साथ न्याय नही कर सकता।यदि कोई उनकी बात ही नहीं सुनेगा तो दुनिया के सभी शानदार विचार आपके राज्य व आपको को नहीं बचा सकते।”
BJP पहले ही कर चुकी है प्रत्याशियों का एलान
दूसरी, तरफ बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल, राजनांदगांव से संतोष पांडेय, दुर्ग से विजय बघेल, सरगुजा से चिंतामणि महाराजन, बिलासपुर से तोखन साहू, महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी, रायगढ़ से राधेश्याम राठिया, बस्तर से महेश कश्यप, कांकेर से भोजराज नाग और जांजगीर से कमलेश जांगड़ को टिकट दिया है.
2014 और 2019 में बीजेपी ने जीती थीं ये चारों सीटें
छत्तीसगढ़ 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 9 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें गई थीं. जहां तक सरगुजा, रायगढ, बिलासपुर और कांकेर के चुनावी इतिहास की बात है. 2019 में सरगुजा से रेणुका सिंह, रायगढ़ से गोमती साई, बिलासपुर अरुण साव और कांकेर से मोहन मंडावी ने जीत दर्ज की थी. 2014 में सरगुजा से बीजेपी के कमलभान सिंह माराबी, रायगढ़ विष्णु देव साय (वर्तमान सीएम), बिलासपुर से लखन लाल साहू और कांकेर से विक्रम उसेंडी ने जीत हासिल की थी.
Aaj Ka Ank Jyotish: आज बुधवार को आपका गुड नंबर और शुभ कलर कौन सा होगा
https://www.facebook.com/webmorcha