अभ्यास स्कूल के बच्चों ने घरेलू सामग्री से राखी बनाकर सजाई भाईयों की कलाई

webmorcha.com

महासमुंद. अभ्यास स्कूल में बच्चों ने रक्षा बंधन के अवसर पर रचनात्मकता और सृजनशीलता का अनूठा प्रदर्शन किया। इसका उद्देश्य बच्चों में बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ सृजनशीलता की कला को विकसित करना रहा है। शुरुआतमें  प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र ने बच्चों को रक्षा बंधन का महत्व और इस पर्व के पीछे छिपी भावनाओं की जानकारी दी गई। इसके बाद, बच्चों ने अपने भाईयों की कलाई सजाने के लिए घरेलू सामग्रियों जैसे धागे और दानों का उपयोग करते हुए रंग-बिरंगी राखियां तैयार कीं।

शिक्षक ममता डड़सेना, सरिता साहू, खेमिन साहू, कल्याणी फेकर और जायसी वर्मा ने बच्चों का मार्गदर्शन किया और उन्हें राखी की थाली सजाने में भी सहायता की। रक्षा बंधन के अवसर पर स्कूल में छात्राओं ने भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक राखी बांधी। भाईयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद आरती उतारी गई और फिर उनकी कलाई पर खुद से बनाई राखियां बांधी गईं। अभ्यास स्कूल का यह कार्यक्रम बच्चों के लिए केवल एक त्योहार का उत्सव नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण शैक्षिक अनुभव साबित हुआ, जिसमें उन्होंने खुद की सृजनशीलता को पहचाना और विकसित किया।

बच्चों ने जाना रक्षा बंधन का महत्व

बच्चों को बताया कि रक्षा बंधन, भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व न केवल भाई-बहन के बीच के रिश्ते को और मजबूत बनाता है, बल्कि परिवार में आपसी स्नेह और जुड़ाव को भी बढ़ावा देता है। राखी एक धागा नहीं, बल्कि वह बंधन है जो भाई को बहन की सुरक्षा के प्रति जागरूक करता है और बहन को भाई की लंबी उम्र और खुशियों के लिए प्रार्थना करने का अवसर देता है।

https://www.facebook.com/webmorcha

ये भी पढ़ें...

Edit Template