विज्ञान आश्रम कसेकेरा सम्मेलन में शिरकत किए कई हस्तियां, जलवायु परिवर्तन के लिए किए जा रहे कार्यों  की हुई प्रशंसा

जिले के कसेकेरा में राज्य स्तरीय विज्ञान सम्मेलन में कई हस्तियों ने की शिरकत कर मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर यहां जलवायु परिवर्तन के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की गई। साथ ही यहां आए अतिथियों ने कहा मंदिर मस्जिद तो जगह जगह बन जाते है, विज्ञान आश्रम नही बन पाते। उन्होने याद दिलाया कि हमें जगह-जगह  इसी तरह जनता के बीच विज्ञान संचार के लिए विज्ञान केंद्र बनाने के संकल्प लेने होंगे।

महासमुंद। कोमाखान विज्ञान आश्रम कसेकेरा में राज्यस्तरीय विज्ञान कार्यकर्ताओं के एक दिवसीय सम्मेलन का प्रारंभ रेरा सदस्य और पूर्व सचिव छत्तीसगढ़ शासन धनंजय देवांगन और रायपुर तथा बिलासपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे, पूर्व सीसीएफ डा. बी पी नोनहारे, कॉम्प्ट्रोलर फाइनेंस पीडब्ल्यूडी बी के लाल, प्रसिद्ध अनेस्थिया विशेषज्ञ डा के के सहारे, एडिशनल सीएमओ सीएसईबी डा के बी बंसोड़े,  शिशुरोग विषेशज्ञ डा स्नेहलता हुमने , प्रो दिनेश कुमार, प्रो एच एन टंडन,  प्रो निधि सिंह, प्रो खुशबू कश्यप और विज्ञान आश्रम के संचालक विश्वास मेश्राम द्वारा भारत के संविधान की हीरक जयंती वर्ष में संविधान निर्माता बाबासाहब अम्बेडकर को पुष्प अर्पित कर  और संविधान प्रस्तावना के सामुहिक पठन के साथ किया गया।

विज्ञान आश्रम के संचालक पूर्व अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम ने स्वागत उद्बोधन में आश्रम की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए भविष्य की योजनाओं का रेखा चित्र खींचा। कमिश्नर रायपुर और बिलासपुर संभाग एम डी कावरे द्वारा विज्ञान सभा द्वारा निरंतर किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए शासन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उल्लेख किया और  लोगो को मैदानी स्तर पर जागरूक करने  तकनीक के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने विज्ञान आश्रम  और शासकीय मिडिल स्कूल द्वारा जलवायु परिवर्तन के लिए कसेकेरा में किए जा रहे कार्यों  की प्रशंसा करते हुए इसे जन अभियान बनाने की प्रेरणा दी।

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रेरा सदस्य और पूर्व सचिव धनंजय देवांगन ने ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया की किस तरह विदेशी लोगो ने भारत पर  अपने उन्नत विज्ञान और टेक्नालॉजी के बदौलत राज किया।  आज भी बहुत कम आबादी ने ज्ञान के भंडार पर कब्जा जमा रखा है ।  इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे है। विज्ञान को लोगो तक पहुंचने के लिए समुदाय को सजग करने कसेकेरा के डा विजय शर्मा की तरह जमीन पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने डायरिया का उदाहरण देते हुए बताया की सैकड़ो लोग जानकारी के आभाव में कैसे मारे जाते रहे हैं जबकि उसकी दवा एक चम्मच शक्कर, एक गिलास पानी और चुटकी भर नमक है जो सब जगह उपलब्ध है। ज्ञान विज्ञान को जन जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने विज्ञान आश्रम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा मंदिर मस्जिद तो जगह जगह बन जाते है, विज्ञान आश्रम नही बन पाते। उन्होने याद दिलाया कि हमें जगह जगह  इसी तरह जनता के बीच विज्ञान संचार के लिए विज्ञान केंद्र बनाने के संकल्प लेने होंगे।

वित्त विशेषज्ञ बी के लाल द्वारा कसेकेरा पहाड़ी पर हरियाली लाने और तापमान कम करने के प्रयास का उल्लेख करते हुए इसके डाकुमेंटेसन करने व वृहद स्तर पर  कार्य योजना बनाने का प्रस्ताव रखा।

पूर्व सीसीएफ डा बी पी नोनहारे ने  जैव विविधता के प्रकृति पर विस्तार से ज्ञानवर्धक जानकारी दी और मनुष्यों तथा वन्य प्राणियों के बीच टकराव के कारणों के बारे में बताते हुए इसे रोकने के पहलुओं की जानकारी दी।

छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा के के सहारे ने कैंसर की सामान्य जानकारी विषय पर व्याख्यान दिया। वनस्पति वैज्ञानिक प्रो खुशबू कश्यप  ने अपने पाताल कोट की खोज यात्रा में वहां के भौगोलिक, प्राकृतिक व जैव विविधता भरे अपने रोमांचक अनुभवों को साझा किया और औषधीय पौधों की खोज परख जानकारी दी।

शासकीय मिडिल स्कूल के प्रधान अध्यापक डा विजय शर्मा द्वारा कसेकेरा विज्ञान आश्रम की भूमिका रखते हुए यहां हुए विभिन्न कार्यक्रमों बडिंग ग्राफ्टिंग प्रशिक्षण, जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए मार्गदर्शन,  प्रकृति विज्ञान और समाज के अंतर संबंधों पर बातचीत, अंध विश्वासों के निर्मूलन के प्रयासों आदि की जानकारी दी और जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि को कम करने कसेकेरा पहाड़ी पर हरियाली लाने चरण बद्ध कार्यक्रम के बारे में बताया और इसके कारण आए समुदाय एवम बच्चो के व्यवहार परिवर्तन कार्यों का उल्लेख किया।

विज्ञान सभा के राज्य सचिव डा वाय के सोना ने जैव पादप अनुकूलन में कटहल, सेव एवम अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन पर शोध परख जानकारी देते हुए कार्यक्रम में पधारे वैज्ञानिकों एवम सभी  विज्ञान कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस राज्य स्तरीय आयोजन में विज्ञान आश्रम के कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त सुखरीडबरी के खेमचंद चक्रधारी, चकचकी के कुमार थियेंद्रप्रताप सिंह,  कसेकेरा के देवलाल सहिस, जितेंद्र यादव और डमरू चक्रधारी, बागबाहरा के कृषि विशेषज्ञ आर के आर्या और शिक्षाविद बंजारे गुरूजी, दरबेकेरा के राधेश्याम सोरी आदि ने सक्रीय सहयोग दिया।

विज्ञान कार्यकर्ताओं के इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में रायपुर, दुर्ग, धमतरी, कोरबा, पिथोरा, बसना, आरंग, बागबाहरा, कोमाखान आदि स्थानों से 40 से अधिक वैज्ञानिकों ने भागीदारी की।

विश्वास मेश्राम

विज्ञान आश्रम कसेकेरा

जिला महासमुन्द छत्तीसगढ़

8959591845

 

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