अलर्ट: Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में 21 और 22 मार्च को गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि हो सकती है. 23 मार्च से मेघ गर्जन की गतिविधि में कमी आने की संभावना है, जिससे मौसम धीरे-धीरे शुष्क होने लगेगा. छत्तीसगढ़ में अगले कुछ दिनों तक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. मौसम वैज्ञानिक HP चंद्रा के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और द्रोणिका तंत्र के प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश, गरज-चमक, अंधड़ और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है. बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी इस बदलाव को और तेज कर सकती है. आगामी दिनों में प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी.
प्रदेश (Chhattisgarh) में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 3.1 किमी ऊंचाई पर 70° पूर्व और 30° उत्तर अक्षांश के साथ मध्य क्षोभमंडल में स्थित है. इसके अलावा, एक द्रोणिका दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश से ओडिशा तक 0.9 किमी ऊंचाई तक फैली हुई है. दूसरी द्रोणिका मराठवाड़ा से तमिलनाडु तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है. एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तरी ओडिशा तक फैला हुआ है.
बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि की संभावना
इन मौसमी गतिविधियों के कारण छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अलग-अलग स्थानों पर मौसम प्रभावित होगा. पूरे छत्तीसगढ़ में 21 और 22 मार्च को गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि हो सकती है. 23 मार्च से मेघ गर्जन की गतिविधि में कमी आने की संभावना है, जिससे मौसम धीरे-धीरे शुष्क होने लगेगा.
तापमान में गिरावट के आसार
प्रदेश में अधिकतम तापमान में आने वाले दिनों में गिरावट दर्ज की जाएगी: अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा. आगामी 3 दिनों में तापमान में 2-4°C तक गिरावट हो सकती है. दुर्ग में सबसे अधिक तापमान 38.8°C और अंबिकापुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 18.7°C दर्ज किया गया.
रायपुर का मौसम पूर्वानुमान
(Chhattisgarh) राजधानी रायपुर में 21 मार्च को आंशिक रूप से बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है. अधिकतम तापमान: 36°C दर्ज किया जाएगा वही सबसे कम न्यूनतम तापमान न्यूनतम तापमान: 23°C रहने की संभावना है.छत्तीसगढ़ में पश्चिमी विक्षोभ और द्रोणिका तंत्र के प्रभाव से आगामी दिनों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. बारिश, गरज-चमक, अंधड़ और ओलावृष्टि की संभावना के चलते किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है. तापमान में गिरावट से गर्मी में कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतना आवश्यक है.