Halashashthi 2024: संतान की दीर्घायु को लेकर रखें जाने वाले पर्व हलषष्ठी (कमरछठ) 25 अगस्त को आज है। पर्व को लेकर तैयारी शुरू हो गई हैं। शहर के चौक-चौराहों में इन दिनों पसहर चावल की बिक्री हो रही है। खासकर भैस दुध, दही और घी की डिमांड बहुत अधिक है। इसी का फायदा उठाते हुए भैस मालिक दस से बीस गुणा अधिक रेट में दुध, दही और घी का विक्रय कर रहे हैं।
50 ग्राम दुध की कीमत 20 रुपए वहीं दही 50 ग्राम की कीमत 20 रुपए इसके अलावा घी तो एक चम्मच से भी कम 50 रुपए में बिका। श्रद्धालुओं के लिए मजबूरी रहा कि उन्हें भारी कीमत पर खरीदना पड़ा। पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया। कुछ सदी पहले भैस संचालक आज के दिन फ्री में दुध, दही बांटते थे। हालांकि अब समय कि मांग है कि ऐसा कुछ लोग धर्म के नाम पर लोग कमाई का जरिया बना लिए हैं।
दरअसल, हल षष्ठी, कमरछठ, हरछठ के दिन हल और मूसल की पूजा की जाती है. बलराम जयंती पर भैंस के दूध का सेवन किया जाता है. भैंस के दूध से बने व्यंजनों का ग्रहण किया जाता है. बलराम जयंती पर हल के उपयोग से तैयार फसल से बने व्यंजनों का सेवन नहीं किया जाता है. पसहर चावल यानि स्वयं उग आए चावलों की खीर बनाती हैं. पांच प्रकार की पत्तेदार सब्जियों से सब्जी बनाई जाती है. माताएं पुत्र की बल वृद्धि और दीर्घायु के लिए इस दिन षष्ठी पूजा करती हैं. बलराम भारतीय संस्कृति में कृषि पालकों और पशु पालकों के प्रतिनिधि प्रतीक हैं. उनके जैसा बलवान और समर्थ पुत्र की इच्छा से माताएं षष्ठी मां की पूजा करती हैं. भैंस के दूध का प्रयोग से बनी चीजों से देवी पूजा करती हैं.
जानिए हलषष्ठी पूजन समय
भादो माह के षष्ठी तिथि को हलषष्ठी मनाई जाती है। इस साल हलषष्ठी व्रत 24 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा और 25 अगस्त को सुबह 10:11 बजे तक रहेगा। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है।