Arvind Kejriwal: केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

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Arvind Kejriwal: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में ED की गिरफ्तारी वाले मामले में CM अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच अर्थात 3 जजों की पीठ के सामने भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट से भले ही CM Arvind Kejriwal को अंतरिम जमानत दी गई है, हालांकि, अभी वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि CBI ने उन्हें इसी केस में अरेस्ट किया है। CBI अरेस्टिंग मामले में जब तक उन्हें जमानत नहीं मिलती सीएम केजरीवाल को जेल में ही रहना होगा।

केजरीवाल को राहत पर जेल से अभी रिहाई नहीं

Arvind Kejriwal के वकीलों ने बताया कि जब तक बड़ी बेंच सुनवाई करेगी तब तक दिल्ली के सीएम को अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने सेक्शन 19 का परीक्षण किया, कोर्ट ने इस पर फैसला किया कि क्या इस मामले में गिरफ्तारी की जरूरत है। कोर्ट ने कहा है कि Arvind Kejriwal पहले ही काफी दिन जेल में रह चुके हैं इसलिए ईडी मामले में तुरंत उन्हें रिहा किया जाएगा। चूंकि सीबीआई ने अलग मामले में गिरफ्तार किया है ये मामले में हाईकोर्ट में 17 जुलाई को सुनवाई है, जब उस मामले में कोई फैसला आएगा तभी केजरीवाल जेल से रिहा होंगे।

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट: हमने जमानत के मुद्द की जांच नहीं की है लेकिन हमने धारा 19 पीएमएलए के मापदंडों की जांच की है। हमने धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर समझाया है। धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक(सब्जेक्टिव) राय है और न्यायिक समीक्षा के अधीन है। धारा 45 का इस्तेमाल अदालत द्वारा ही किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट: हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि हम चिंतित हैं कि यह धारा 19 पीएमएलए के अनुरूप है, लेकिन हम गिरफ्तारी की जरूरत और आवश्यकता पर विचार कर रहे हैं। हमने महसूस किया कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत और आवश्यकता को धारा 19 में पढ़ा जा सकता है, जो आनुपातिकता के सिद्धांत के आधार पर बड़ी बेंच को भेजा जाता है।

सुप्रीम कोर्ट: 1. क्या जरूरत और आवश्यकता गिरफ्तारी के औपचारिक मापदंडों के बारे में है, व्यक्ति को ध्यान में रखती है। 2. क्या इसे धारा 19 पीएमएलए में पढ़ा जा सकता है और फिर आधार जिन पर अदालत गौर करेगी। हमने माना है कि केवल पूछताछ से गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिलती।

सुप्रीम कोर्ट: जीवन के अधिकार का सवाल है और चूंकि मामला बड़ी बेंच को भेजा गया है, हम Arvind Kejriwal को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट: Arvind Kejriwal 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहे। वह एक निर्वाचित नेता हैं और यह उन पर निर्भर है कि वह इस पद पर बने रहना चाहते हैं या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट : हमने चुनावी फंडिंग पर भी सवाल उठाया है।

एसजी: इसे रोकने की मांग की गई थी।

जस्टिस संजीव खन्ना: अब मुझे पढ़ने दीजिए कि आपने इसे उठाया है

केजरीवाल का मामला बड़ी बेंच को- SC

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला देते हुए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी। पीएमएलए पर कानूनी मामलों के मद्देनजर केस को बड़ी बेंच को भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार का सवाल है और चूंकि मामला बड़ी बेंच को भेजा गया है, इसलिए हम Arvind Kejriwal को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं। कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल 90 दिनों से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। वे एक निर्वाचित नेता हैं और यह उन पर निर्भर करता है कि वे इस पद पर बने रहना चाहते हैं या नहीं।

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