bangladesh: उग्र हुआ यहां के नागरिक, PM आवास पर घुसे हजारों लोग, शेख़ हसीना ने सरकारी आवास छोड़ा

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bangladesh: बांग्लादेश की प्रधानममत्री शेख़ हसीना और उनकी बहन ने देश छोड़ दिया है ओर ‘सुरक्षित जगह’ पर चली गई हैं. BBC बांग्ला सेवा ने इस बात की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट किया है कि PM आवास में प्रदर्शनकारियों की भीड़ दाखिल हो गई है. इससे पहले बांग्लादेश में जुलाई महीने से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि देश में ज़्यादातर बड़े सरकारी नौकरी में मौजूद कोटा ख़त्म किया जाए.

bangladesh हालाँकि छात्रों के आंदोलन के बाद शेख़ हसीना सरकार ने कुछ कोटे को कम ज़रूर किया है, लेकिन लगातार जारी हिंसा के बीच छात्र प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग पर अड़े हुए थे. छात्रों के हिंसक आंदोलन में बांग्लादेश में अब तक क़रीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार से छात्रों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की अपील कर रखी थी.

बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में इंटनेट सेवाओं को बंद

बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में इंटनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं. रविवार की हिंसा से पहले देश में मोबाइल पर इंटरनेट सेवाएँ बंद थीं, जबकि ब्रॉडबैंड सेवा जारी थी. ख़बरों के मुताबिक़ अब सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट सेवा को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है.

बांग्लादेश में जुलाई महीने से ही छात्र आंदोलन पर हैं. इस आंदोलन में देश में भारी हिंसा और आगजनी हुई है. इसमें क़रीब 300 लोगों की मौत भी हो चुकी है. समाचार एजेंसी एएएफ़पी के मुताबिक़ इसमें रविवार की हिंसा में हुई मौत भी शामिल है. बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरी में कोटे को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं, हालाँकि सरकार ने कुछ कोटे को कम ज़रूर किया है लेकिन छात्र अब प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं.

बांग्लादेश में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली न्यूज़ वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून और उसकी सहयोगी प्रकाशन कंपनी बांग्ला ट्रिब्यून दोनों ऑफलाइन हो गई हैं.

एक और न्यूज़ वेबसाइट द डेली बांग्ला स्टार भी डाउन है. बांग्लादेश में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का बंद होना क्या मायने रखता है?  बांग्लादेश टेली कम्युनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन के अनुसार पिछले साल के अंत तक देश में इंटरनेट का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या 13.1 करोड़ थी. इनमें से लगभग 90 प्रतिशत लोग मोबाइल के माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग करते हैं. अंशाति को देखते हुए एक सप्ताह में दूसरी बार है जब देश के एक हिस्से में इंटरनेट सेवाओं को रोका गया है.

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