छत्तीसगढ़ : हड़ताल पर अडिग हैं सचिव, पंचायतों में कामकाज ठप!

हड़ताल

महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले समेत पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों ने अपनी शासकीयकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस आंदोलन में 10,000 से अधिक पंचायत सचिव शामिल हो गए हैं, जो पटवारी कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। इधर, पंचायतों में हाल ही में जिम्मा लिए संरपंचों को मूसीबतों का सामना बिना सचिव के करना पड़ रहा है। नवनिर्वाचित सरपंच पंचायत के कामकाज पर कुछ समझ पाते इसके पहले ही सचिव ने आंदोलन कर दिया है।

हड़ताल पर बैठे सचिवों ने छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार उनके साथ छल कर रही है। पंचायत सचिवों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणा पत्र में उन्हें शासकीयकरण का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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“मोदी की गारंटी” पर उठाए सवाल

सचिवों का कहना है कि BJP सरकार बनने के बाद भी पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ”यह मोदी की गारंटी थी, लेकिन अब तक कहीं भी यह गारंटी पूरी होती नहीं दिख रही है।”सचिवों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार आग्रह करने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

सचिव द्वारिका यादव का बयान

हड़ताल में शामिल सचिव द्वारिका यादव ने कहा, “हम पंचायतों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, लेकिन सरकार हमें नजरअंदाज कर रही है। सालभर हो गया, लेकिन हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया। अब हम अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।”

पंचायत सचिवों की इस हड़ताल से ग्रामीण प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ने की संभावना है। सचिवों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।

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