छत्तीसगढ़. रायपुर। राजस्व विभाग के मैदानी अमला में कामकाज ठप हो रहा है। पटवारियों को सरकार के आश्वासनों के बावजूद बीते 06 महीने से पटवारी कार्यालयों में तकनीकी संसाधन मुहैया नहीं कराए जाने के खिलाफ ऑनलाइन (डीजिटल) कार्यों का बहिष्कार प्रारंभ हो गया है. राजस्व पटवारी संघ ने इसके लिए पहले ही अल्टीमेटम सौंप चुका है.
तकनीकी संसाधनों के अभाव में छत्तीसगढ़ के पटवारी आज से ऑनलाइन (डीजिटल) कार्य नहीं करने का मन बना लिए हैं। इससे विभागीय कामकाज पर सीध असर पड़ना तय है. दूसरी तरफ मौजूदा धान खरीदी के सीजन में किसानों के खाते में किसी तरह की त्रुटि हुई, तो इसमें सुधार तक संभव नहीं हो पाएगा. इससे धान संकट के हालात भी खरीदी में तकनीकी पैदा होंगे.
राजस्व पटवारी संघ ने ऑनलाइन कार्यों के बहिष्कार को लेकर राजस्व मंत्री और राजस्य सचिव समेत आला अफसरों को पहले ही अल्टीमेटम सौंप दिया है. इधर बहिष्कार की स्थिति में प्रदेश में रजिस्ट्री के कार्यों पर असर पड़ेगा. इसके अलावा भुईयां के कार्यों से लेकर भूमि सुधार जैसे काम पूरी तरह ठप पड़ सकते हैं.
दूसरी तरफ किसानों को अपने खातों में सुधार के लिए पटवारियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है. ऐसी स्थिति में किसानों को भटकना पड़ सकता है. भुईयां के जरिए ऑनलाइन किए गए राजस्व से संबंधित कार्यों में कृषि संगणना और फसल कटाई प्रयोग से संबंधित कार्य होते हैं. इनमें ज्यादातर कार्य कम्प्यूटर या ऑनलाइन एप के जरिए ही किए जाते हैं. यह सभी कार्य पटवारियों के जरिए ही संभव हो पाता है.
शासकीय वाट्सएप ग्रुप का बहिष्कार
पटवारियों ने 15 दिसंबर तक संसाधन मुहैया नहीं बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया था, यह मियाद कल खत्म हो गई है. पटवारियों ने 9 दिसंबर से काली पट्टी लगाकर चरणबद्ध आंदोलन का आगाज किया था. अब आज से ही सभी शासकीय वॉट्सएप ग्रुप का भी बायकॉट किया जाएगा.
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