हमारे देश में मीडिल क्लास परिवारों को आर्थिक रूप से खुद को संतुलित रखना चुनौती से भरा होता है। इन परिवारों का हर महीने का बजट सटीक और नियंत्रित होता है, ताकि उन्हें अपने दैनिक खर्चों, बचत, और निवेश में सामंजस्य बैठाने में कोई कठिनाई न हो। परिवारों के खर्चों में तीज-त्यौहार, बच्चों की पढ़ाई, घर बनाने और शादी जैसे बड़े खर्चे भी शामिल होते हैं, जो इनकी वित्तीय योजनाओं को प्रभावित करते हैं। ऐसे में हर व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि सरकार का बजट उसकी जीवनशैली को सरल बनाए और आने वाले समय में उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो।
आने वाला आम बजट विशेष रूप से मीडिल क्लास, किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं के लिए उम्मीदों से भरा हुआ हो सकता है। इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया है, उससे कुछ अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में कुछ अहम बातें सामने आई हैं। वित्त मंत्री जी का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच रह सकती है। यह वृद्धि दर वैश्विक चुनौतियों के बावजूद एक अच्छा संकेत है, क्योंकि यह दर्शाता है कि देश की अर्थव्यवस्था स्थिर स्थिति में है और बेहतर परिणाम की ओर बढ़ रही है। हालांकि, दुनिया में होने वाले आर्थिक उतार-चढ़ाव और महंगाई के दबाव को देखते हुए यह वृद्धि दर उम्मीद से थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन यह एक सकारात्मक संकेत है।
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सर्वेक्षण में महंगाई की दर में भी कुछ राहत की बात कही गई है। रिटेल महंगाई दर 5.4 प्रतिशत से घटकर 4.9 प्रतिशत तक हो गई है। महंगाई दर में यह गिरावट आम जनता के लिए एक राहत के रूप में देखी जा सकती है, क्योंकि इससे उनके दैनिक खर्चों में कमी आएगी। यह मीडिल क्लास परिवारों के लिए विशेष रूप से अहम है, क्योंकि वे महंगाई के कारण सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे मीडिल क्लास परिवारों के लिए टैक्स में छूट की उम्मीद जताई जा रही है। यदि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव करती है या नए टैक्स छूट की घोषणा करती है, तो इसका सीधा फायदा नौकरीपेशा वर्ग को होगा। मीडिल क्लास के लिए एक अच्छी खबर यह हो सकती है कि उनकी आय पर करों का बोझ कम हो, जिससे वे अपने खर्चों को और अधिक संतुलित ढंग से प्रबंधित कर सकें।
साथ ही, यदि सरकार कुछ और कर लाभ देती है, तो यह उन परिवारों के लिए मददगार हो सकता है जो बचत और निवेश की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।
भारत में कृषि क्षेत्र हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है। किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने पहले भी कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे कि फसल बीमा योजना और पीएम किसान सम्मान निधि। आगामी बजट में भी किसानों के लिए नई योजनाएँ और समर्थन देने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसमें कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्धि, कृषि पर आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन, और किसानों के लिए वित्तीय मदद की संभावना है।
सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है, और इसके लिए बजट में उन्हें बेहतर तकनीकी सहायता, कृषि शिक्षा और सुविधाएँ दी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार किसानों के लिए ऋण और ब्याज दरों में राहत देने की भी योजना बना सकती है।
भारत में युवा जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है और आगामी बजट में युवा पीढ़ी के लिए रोजगार सृजन और स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जा सकता है। इसके तहत, सरकार रोजगार उत्पन्न करने वाली योजनाओं के लिए अधिक धनराशि आवंटित कर सकती है। साथ ही, सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट के लिए नई योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है, ताकि युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार कई योजनाएँ चला रही है, जिनमें महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता, महिलाओं के लिए शिक्षा योजनाएँ, और उनके स्वास्थ्य के लिए विशेष कार्यक्रम शामिल हैं। आगामी बजट में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए और भी योजनाएँ आ सकती हैं। इसमें महिला श्रमिकों के लिए नौकरी और सुरक्षा की बेहतर स्थितियाँ सुनिश्चित करने के उपाय किए जा सकते हैं।
कुल मिलाकर आर्थिक सर्वेक्षण में जो संकेत मिले हैं, उनके आधार पर आगामी आम बजट में मीडिल क्लास, किसानों, युवाओं के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सुधारों को लागू करते हुए आम जनता को अधिक राहत देना है, ताकि उनकी जीवनशैली बेहतर हो सके।
लेखक पत्रकार हैं और यह उनके निजी विचार हैं
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