महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कहा कि महज 8-10 दिन में ही सरकार द्वारा की जा रही धान खरीदी में गड़बड़ी सामने आने लगी है। केवल एक समिति में साढ़े 5 लाख का अतिरिक्त धान किसानों को धोखा देकर ले लिया गया। बेमचा धान खरीदी केंद्र में जो गड़बड़ी सामने आयी है, इससे भाजपा सरकार की नीयत साफ झलक रही है। प्रत्येक कट्टा में 2 से 3 किलो अतिरिक्त धान की कांटामारी करना गंभीर मामला है। किसानों के मेहनत की कमाई की चोरी समिति कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। इस मामले में संलिप्त कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होना सत्ता पक्ष के लोगों की मिलीभगत को दर्शाता है।
श्री चंद्राकर ने कहा िक ये आंकड़े सिर्फ एक समिति की है, और ऐसी 130 समितियों के 182 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से जिले में धान खरीदी हो रही है। इसमें सोचने योग्य बात ये है कि जिले के भोले भाले किसानों की मेहनत की कमाई का करोड़ों रुपया लूट लिया जा रहा है, आैर किसानों को भनक तक नहीं लग रही। श्री चंद्राकर ने कहा कि यदि शासन का नीयत धान खरीदी को लेकर साफ है, तो सभी धान खरीदी केंद्रों में संबंिधत ग्रामों के किसानों की 10 सदस्यीय निगरानी दल गठित करें।
तथा समस्त खरीदी केंद्रों के इलेक्ट्राॅनिक कांटे की जाँच किया जाए। साथ ही समय-समय पर उच्चािधकारियों द्वारा खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार करें। जिससे किसान ठगने से बचे। श्री चंद्राकर आगे कहा कि पहले ही किसानों को सरकार ने धान का भुगतान 3100 रु. के हिसाब से न कर ठगने का काम किया है। अंतर की राशि का भुगतान कब किया जाएगा। इसका अता-पता नहीं। केंद्र द्वारा दी जा रही एमएसपी 2300 के मान से भुगतान किया जा रहा है। राज्य की विष्णुदेव सरकार ने एकमुश्त 3100 रु. भुगतान करने का वादा किया था, जिससे वे पीछे हट रही है। किसान अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।