0 न्यायालय और तहसील कार्यालय के कार्यों में बाधा का मामला; कार्रवाई की मांग
महासमुंद। पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा एक बार फिर चर्चा में हैं। तहसील और एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों ने उन पर कार्य में बाधा डालने, दबावपूर्वक काम कराने और दुर्व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में कर्मचारियों ने दावा किया है कि डॉ. चोपड़ा अपने राजनीतिक वर्चस्व का दुरुपयोग कर कार्यालयों में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करते हैं और कार्यकर्ताओं के साथ नारेबाजी एवं दबाव बनाकर लंबित मामलों का निपटारा कराने की कोशिश करते हैं।
शिकायत के अनुसार, डॉ. चोपड़ा और उनके समर्थकों द्वारा न्यायालय की कार्यवाही में बाधा डालते हुए न केवल नारेबाजी की जाती है, बल्कि फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है, जो नियमों का उल्लंघन है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि यह माहौल उनके कार्यों में गंभीर व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। शिकायत में कहा गया है कि डॉ. चोपड़ा कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, झूठी शिकायतों और तबादलों की धमकी देते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. चोपड़ा बिना सबूत अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
मानसिक पीड़ा और कार्रवाई की मांग
कर्मचारियों ने कहा कि वे डॉ. चोपड़ा के व्यवहार से मानसिक रूप से परेशान हैं। उनके व्यवहार के चलते कार्यालय में कार्य करना मुश्किल हो गया है। शिकायतकर्ता प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि डॉ. चोपड़ा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
कार्यालय बंद करने की चेतावनी
अगर ऐसी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो कर्मचारियों ने कार्यालय बंद करने की चेतावनी दी है। शिकायत पर हस्ताक्षर करने वालों में वाचक, नायब तहसीलदार, सहायक वर्ग और अन्य अधिकारी शामिल हैं।
डॉ. चोपड़ा का पक्ष
वहीं, डॉ. विमल चोपड़ा ने आरोपों को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री को बताया कि महासमुंद के एसडीएम और तहसील कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकारी दफ्तरों में जनता के काम लटकाए जा रहे हैं। मंत्री ने उनकी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।