Hathras stampede: हाथरस में एक कथित अवतारी बाबा के सत्संग के बाद उसके चरणों की धूल लेने के चक्कर में मची भगदड़ ने सैकड़ों जिंदगियां निगल लीं. अब तक 109 शवों की पहचान हो चुकी है, सात शवों की पहचान का काम जारी है. इस दुखद घटनाक्रम में जान गंवाने वालों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. Hathras के पीड़ितों के जख्म कितने गहरे हैं, इसका अंदाजा लगाने में आपका कलेजा कांप जाएगा. जिसने भी वो मंजर देखा उसकी रूह कांप गई. अपने आस-पास लगा लाशों का ढेर देखकर एक पुलिसवाले का दिल ऐसा दहला कि उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
Hathras भगदड़ की वजह से पूरे प्रदेश में मातम मचा है. हादसे की जगह पर मृतकों की चप्पलों का ढेर लगा था. इस हादसे को लेकर दर्ज हुई एफआईआर में पहले केवल सेवादारों का नाम था, लेकिन अब बाबा का नाम इसमें जुड़ने वाला है. आरोप ये भी है कि सेवादारों ने मौतों की संख्या को छिपाने के लिए बिखरी पड़ी चप्पलों को हटाने का काम किया.
किसी का पूरा परिवार खत्म हो गया…
इस Hathras हादसे में कोई पूरा परिवार खत्म हो गया तो जिनके घर का एक शख्स भी इस हादसे में मारा गया उसके घर में त्राहिमाम मचा है. मंगलवार को आलम ये था कि लोग लाशों के बीच अपनों की सांसे चेक कर रहे थे कि क्या पता सांसे बाकी हों तो अस्पताल ले जाकर जान बच जाए.
Hathras की भगदड़ में अपनी पत्नी, मां और 16 साल की बेटी को खोने वाले विनोद ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सब कुछ खो दिया. पीड़ित विनोद ने कहा, उन्हें पता ही नहीं चला कि वो तीनों सत्संग में गए थे. क्योंकि वो कहीं बाहर गए थे. जैसे ही उन्हें पता चला कि सत्संग में भगदड़ मच गई है तो वो मौके पर पहुंचे तो पता चला कि उनकी 16 साल की बेटी, मां और पत्नी की इस भगदड़ में मौत हो गई, उन्हें अपनी मां
Hathras कांड की एक और 16 वर्षीय पीड़िता की मां कमला ने अपनी बेटी रोशनी की मौत पर दुख जताते हुए कहा, ‘मैं 20 साल से बाबा के सत्संग में आ रही हूं. इस बार 16 साल की बेटी के साथ गई थी. दोपहर करीब 2 बजे भगदड़ मच गई. मैं और मेरी बेटी दोनों को मामूली चोंटे महसूस हुईं. हम ठीक थे लेकिन अस्पताल पहुंचते ही मेरी बेटी बेहोश हो गई और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.’
वहीं इस हादसे में मृतक साढ़े तीन साल के बच्चे के चाचा कुंवर पाल ने कहा, ‘ उनका भतीजा अपनी मां के साथ आया था. उसकी मां अभी भी लापता है. हम अलीगढ़ के रहने वाले हैं.’
मैंने जाने से रोका था पर वो नहीं मानी….
वहीं इसी हादसे में मारी गई गुड़िया देवी के पति महताब ने कहा, ‘मैंने उसे कई बार बाबा के सत्संग में जाने से रोका लेकिन वो नहीं मानी. पत्नी मेरी बेटी और पड़ोस की दो महिलाओं के साथ सत्संग के लिए आई थी. दोनों पड़ोसी महिलाएं और मेरी पत्नी की इस घटना में मौत हो गई. लेकिन मेरी बेटी सुरक्षित है.’
एक अन्य पीड़ित परिवार के सदस्य ने अपना नाम हीरा लाल निवासी अलीगढ़ बताते हुए कहा, ‘मेरा पूरा परिवार सत्संग में भाग लेने के लिए बस में गया था. भगदड़ में घायल हुई उनकी भाभी को छोड़कर उनके परिवार के सभी सदस्य ठीक हैं.’
कथित ‘भोले’ बाबा फरार
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को Hathras में एक धार्मिक कार्यक्रम में भगदड़ मच गई, जिसमें 116 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए थे, घायलों की हालत पर डॉक्टरों की टीम नजर बनाए हुए है. इस हादसे के बाद यूपी पुलिस ने ‘भोले बाबा’ की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया था, जिन्होंने हाथरस में सत्संग आयोजित किया था, जहां मंगलवार को भगदड़ मच गई थी.
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