रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजधानी रायपुर और महासमुंद में एक साथ 5 ठिकानों पर दबिश की है. इस छापेमारी में कई संदिग्ध दस्तावेज और तकनीकी साक्ष्य जब्त किए गए हैं.
CBI की टीम ने रायपुर के फूल चौक स्थित एक निजी होटल, सिविल लाइन इलाके के एक कोचिंग सेंटर और महासमुंद में एक सरकारी डॉक्टर के आवास पर दबिश दी. इसके अलावा महासमुंद में अभ्यारण्य गेस्ट हाउस और एक अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी CGPSC परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर की गई है. इस कार्रवाई में CBI ने कई अहम दस्तावेज और अन्य तकनीकी साक्ष्य जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
रिसॉर्ट में कराये गये क्योश्चन पेपर सॉल्व, CBI जांच में बड़ा खुलासा
CGPSC मेन्स परीक्षा 2022 में हुई गड़बड़ी को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। CBI की जांच में ये तथ्य सामने आया है कि परीक्षा के पांच दिन पहले ही प्रश्नपत्र को लीक कर कुछ उम्मीदवारों को सॉल्व करवाया गया था। इन उम्मीदवारों को महासमुंद के बार नवापारा स्थित एक रिसॉर्ट में ठहराया गया था, जहां उन्हें दलालों द्वारा पर्चा उपलब्ध कराया गया और तैयारी करवाई गई। इस घोटाले में एक-एक पद के लिए 40 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की मोटी रकम वसूली गई थी।
चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि परीक्षा से ठीक पांच दिन पहले 35 उम्मीदवारों को मूल प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया और उसे सॉल्व करवाया गया। सीबीआई ने रायपुर और महासमुंद में पांच जगहों पर छापेमारी की, जिसमें दस्तावेजों और साक्ष्यों से यह सिद्ध हुआ कि दलालों ने इन उम्मीदवारों से लाखों की राशि लेकर पेपर उपलब्ध कराया।
इन सभी को महासमुंद जिले के बार नवापारा स्थित एक निजी रिसॉर्ट में रखा गया था, जहां उन्हें परीक्षा की तैयारी करवाई गई। बताया जा रहा है कि इस रिसॉर्ट के 24 में से 11 कमरे साल 2022 तक के लिए पहले ही बुक करवा लिए गए थे।रिसॉर्ट में ठहराए गए उम्मीदवारों को 15 दिनों तक परीक्षा से जुड़े प्रश्नपत्रों के आधार पर तैयारी करवाई गई थी। इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए दलालों और कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की मिलीभगत की बात भी सामने आ रही है।
बताया जा रहा है कि एक-एक पद के लिए 40 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक वसूले गए थे।इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में भी हलचल मच गई है। प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घोटाला न केवल युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह प्रदेश की व्यवस्था को भी खोखला करता है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अनेक तरह के टूरिज्म सुने थे, लेकिन कांग्रेस ने तो करप्शन टूरिज्म की शुरुआत कर दी है।”घोटाले के मुख्य किरदार के रूप में राहुल हरपाल का नाम सामने आया है, जिन्होंने रिसॉर्ट में कमरे बुक कराए थे और उम्मीदवारों को पर्चे उपलब्ध करवाकर तैयारी करवाई थी।
CBI द्वारा जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच जारी है, जिससे यह तय होगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन से बड़े नाम शामिल हैं।छत्तीसगढ़ में इस घोटाले के सामने आने के बाद प्रशासनिक परीक्षा प्रणाली में सुधार और कठोर कार्रवाई की मांग उठ रही है। यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह देशभर की परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर एक गहरा आघात साबित हो सकता है।
इन घोटालेबाजों की अब तक गिरफ्तारी
टामन सिंह सोनवानी (पूर्व CGPSC चेयरमैन)
साहिल सोनवानी (टामन सिंह सोनवानी के भतीजे)
शशांक गोयल (बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे)
भूमिका कटियार
नितेश सोनवानी (टामन सिंह सोनवानी के भतीजे)
ललित गनवीर (पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर)
जानें पूरा मामला (CGPSC Scam)
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.