महासमुंद। पिथौरा क्षेत्र के कथित पत्रकार बलराज नायडु और चंद्रशेखर नायडु पर गंभीर धाराओं में पुलिस ने FIR दर्ज की है। पुलिस ने FIR में प्रार्थी पिथौरा लहरौद BK रेस्टोरेंट के सचालक भूषणलाल साहू ने आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया है कि 14 मई 2024 को रेस्टोरेंट में घुसकर विज्ञापन के नाम पर 10 हजार रुपए देने की मांग की। यहीं नहीं गाली-गलौच के साथ मारपीट किया। पुलिस ने करीब 4 माह बाद जांच के बाद गंभीर धाराओं में उक्त पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जाने पुलिस ने किन धारा पर मामला पंजीबद्ध किया है…
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत, सार्वजनिक जगह पर अश्लील कृत्य या शब्दों के लिए दंड का प्रावधान है. इस धारा के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक जगह पर अश्लील कृत्य करता है या अश्लील गीत, गाथा, या शब्द गाता, सुनाता, या बोलता है, तो उसे तीन महीने तक की जेल हो सकती है, जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं
धारा 323 आईपीसी के अनुसार, किसी को चोट पहुंचाने के इरादे से चोट पहुंचाने का आरोप, जो खतरनाक, जानलेवा हो सकता है या जिससे गंभीर चोटें आई हों, तो आरोपी को 1 वर्ष के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
धारा 384 आईपीसी भारतीय दंड संहिता , 1860 में धारा 384 384. जबरन वसूली के लिए सजा। जो कोई जबरन वसूली करेगा, उसे किसी भी भांति के कारावास से दंडित किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 452 के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी के घर में बिना अनुमति के घुसकर हमला करता है, तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति किसी को चोट पहुंचाने या उस पर हमला करने या उसे रोकने की तैयारी में गृह-अतिचार करता है, तो भी उसे इसी धारा के तहत सज़ा हो सकती है
धारा 34 आईपीसी 1860 में कहा गया है कि जब कई व्यक्ति एक ही लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अवैध कार्य करते हैं, तो उनमें से प्रत्येक को उस अपराध के लिए उत्तरदायी माना जाता है, जैसे कि वह अपराध अकेले उसके द्वारा किया गया हो। यह प्रावधान, जो किसी कार्य के लिए ‘संयुक्त दोष’ बनाता है, आपराधिक कानून की मूल अवधारणा से अलग है।