शारदीय नवरात्रि की शुरुआत से आज गुरुवार से हो रही है. पूरे 9 दिन तक माता दुर्गा की विधि विधान के साथ पूजा की जाएगी. इन नौ दिन में मां को अलग-अलग भोग भी लगाए जाने का विधान हैं, ताकि उनकी प्रसन्नता बरकरार रहे. क्योंकि, माना जाता है कि जितना पूजा का महत्व है, उतना ही भोग का भी महत्व है. ऐसे में माता को स्वादिष्ट भोग लगाने से साधन की कामना पूर्ति के योग बनते हैं.
नवरात्र में नौ दिन तक माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नौ दिन में अलग-अलग भोग, श्रृंगार की वस्तुएं अर्पण की जाती हैं. क्योंकि देवी-देवताओं की रुचि के अनुसार अगर भोग आप लगाते हैं तो उनकी कृपा बनी रहती है. इसलिए पूजा के साथ देवी-देवताओं की रुचि अनुसार भोग अर्पण करने का महत्व भी बताया गया है.
navratri 2024 special: 3 से 11 अक्टूबर माता का महापर्व, जानें कलश स्थापना मुहूर्त
ये भोग रोज जरूर लगाएं
ज्योतिषाचार्य बताते है कि वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन तक अलग-अलग भोग अवश्य लगाना चाहिए, लेकिन हर दिन हर देवी को बताशा जरूर अर्पण करना चाहिए. क्योंकि बताशा माता दुर्गा का सबसे प्रिय भोग माना जाता है.
नौ दिन के लिए अलग-अलग भोग
प्रथम दिन: मां शैलपुत्री की पूजा के दौरान गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए.
दूसरे दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान शक्कर पंचामृत का भोग लगाना चाहिए.
तीसरे दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाना शुभ है.
चौथे दिन: मां कुष्मांडा की पूजा के दौरान मालपुआ का भोग लगाना चाहिए.
पांचवें दिन: मां स्कंद माता की पूजा के दौरान केले का भोग लगाना चाहिए.
छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा के दौरान मीठे पान का भोग लगाना चाहिए.
सातवां दिन: मां कालरात्रि की पूजा के दौरान गुड़ से बनी मिठाई और खीर का भोग लगाएं.
आठवें दिन: महागौरी की पूजा के दौरान नारियल का भोग अवश्य लगाएं.
नौवें दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा के दौरान खीर, पूरी और हलवा का भोग लगाना चाहिए.
दसवें दिन: मां दुर्गा को जलेबी और बालूशाही का भोग लगाकर विदा करना चाहिए.
October Rashifal 2024: जानें अक्टूबर में आपके राशि कैसा होगा
October Rashifal 2024: जानें अक्टूबर में आपके राशि कैसा होगा