सड़क पार करना ही नहीं, बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श की पहचान भी सीखाना जरूरी

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महासमुंद. अभ्यास प्राथमिक शाला में शनिवार को एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों को गुड टच और बेड टच के बारे में जानकारी दी गई। आस्था वूमेन सोशल संस्था के इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को उनकी सुरक्षा के प्रति सजग बनाना और बढ़ते अपराधों से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।

संस्था के अध्यक्ष विपिनबिहारी महंती ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध का मुख्य कारण उनकी जागरूकता की कमी है। उन्होंने समझाया कि बच्चों को अच्छी शिक्षा, पोषण, और सामाजिक शिष्टाचार सिखाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। बच्चों को यह समझाना चाहिए कि अगर कोई उन्हें गलत तरीके से छूता है, तो वे बिना किसी डर के तुरंत अपने माता-पिता या शिक्षकों को इसकी सूचना दें।

स्कूल की प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र ने भी इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को सिर्फ सड़क पार करना ही नहीं, बल्कि अच्छे और बुरे स्पर्श की पहचान भी सिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समझ विकसित करना आवश्यक है ताकि बच्चे किसी भी अनुचित व्यवहार का विरोध कर सकें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

संस्था की सदस्य निरंजना चंद्राकर ने भारत सरकार के चाइल्ड लाइन टोल फ़्री हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में भी जानकारी दी, जो 24 घंटे उपलब्ध रहता है और किसी भी समय बच्चों की सुरक्षा से संबंधित घटनाओं की सूचना देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मधु तिवारी ने बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह मानसिक तनाव को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने में भी सहायक होती है।

अंत में संस्था द्वारा बच्चों के लिए कुछ खेल गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके साथ ही, उन्हें उपहार स्वरूप शैक्षणिक सामग्री भी दी गई, जिससे बच्चों के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर प्रतिभा गोस्वामी ने कार्यक्रम का संचालन किया और सरिता साहू ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में माधुरी सूर्यवंशी, शबनम धनवानी, भारती साहू, और सविता मोहंती सहित कई अन्य सदस्य भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

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