महासमुंद जिले के वरिष्ठ शिक्षकों की एक पंद्रह सदस्यीय टीम ने सोमवार को अभ्यास प्राइमरी स्कूल का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य स्कूल में पढ़ाए जा रहे शैक्षणिक तरीकों और बच्चों को दी जा रही बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता का निरीक्षण करना था। टीम ने पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के बच्चों के लिए अपनाई जा रही शिक्षा पद्धतियों का बारीकी से अवलोकन किया।
*शैक्षिक गतिविधियों का गहन निरीक्षण*
– टीम ने कक्षाओं में बैठकर शिक्षक और बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों का गहन निरीक्षण किया।
– एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी) शिक्षा पद्धति से बच्चों में हो रहे गुणात्मक विकास की सराहना की गई।
– प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र के अनुसार, टीम के सदस्यों के पास संकुल समन्वयक की जिम्मेदारियां हैं, और वे इस अनुभव का उपयोग अपने दायित्व वाले स्कूलों में शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए करेंगे।
### **शिक्षा में सुधार के सुझाव और सामंजस्य**
– टीम की अगुवाई एसआरजी मधु साहू ने की, जिन्होंने शैक्षिक सामंजस्य की सराहना की और शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए।
– टीम के सदस्यों ने अभ्यास स्कूल के अनुभव को सुखद और सुव्यवस्थित बताया।
– मौके पर एसआरजी ने संकुल समन्वयकों की गतिविधियों का भी अवलोकन किया।
### **नशामुक्ति के लिए बच्चों की पहल**
– छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश पर अभ्यास प्राथमिक शाला के बच्चों ने नशामुक्ति के लिए स्कूल परिसर में रैली निकाली और नशे के खिलाफ नारे लगाए।
– प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र ने बच्चों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाया और घर-परिवार में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।