स्वामित्व योजना: जानें क्या संपत्ति कार्ड, छत्तीसगढ़ समेत 10 राज्यों में बांटे गए कार्ड

स्वामित्व योजना

केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) का लाभ अब हर आम आदमी तक पहुंचने लगा है। ताजा खबर यह है कि शनिवार को PM नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लिया और लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड जारी किए। साथ ही लाभार्थियों से संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश सहित 7 राज्यों के लाखों ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लेते हुए हितग्राहियों को स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड का ई-वितरण किया।

जानिए क्या है स्वामित्व योजना, कैसे होता है लाभ

डिजिटल रूप में भूमि का रिकॉर्ड

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में तैयार किया जाता है, जिससे लोगों को अपनी जमीन पर मालिकाना हक का अधिकार मिलता है. इस पहल का उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और भूमि के मालिकाना हक को स्पष्ट करना है, ताकि किसानों को आसानी से लोन मिल सके. इस योजना में ड्रोन सर्वे, जीआईएस और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जा सके और लोगों के आपसी झगड़ों को आसानी से खत्म किया जा सके.

3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा

स्वामित्व योजना के जरिए भूमि के स्वामित्व का एक प्रमाण मिलता है, जिससे जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी. भूमि का स्वामित्व स्पष्ट होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आती है और किसानों को लोन लेने में भी सुविधा होती है. यह योजना ग्रामीण भारत के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद कर रही है. अब तक इस योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 92 प्रतिशत है. साथ ही, 1.53 लाख गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड भी तैयार कर लिए गए हैं.

स्वामित्व योजना
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65 लाख से अधिक कार्ड का वितरण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे.  पंचायती राज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, 10 राज्यों – छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश – और दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को कार्ड प्राप्त होंगे.

इस योजना से क्‍या होगा लाभ?

प्रधानमंत्री द्वारा स्वामित्व योजना की शुरुआत ड्रोन तकनीक से भूखंड का मानचित्रण करके संपत्ति मालिकों को कानूनी स्वामित्व कार्ड जारी करने के साथ गांव के गृहस्वामियों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करने के लिए की गई है.

यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण एवं बैंक ऋण के माध्यम से संस्थागत ऋण को संभव बनाने; संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने; ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों व संपत्ति कर के बेहतर आकलन की सुविधा प्रदान करने और ग्राम-स्तर की व्यापक योजना के निर्माण में भी मदद करती है.

230 से अधिक जिलों में कार्यक्रम

पंचायती राज मंत्रालय ने कहा कि इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, संबंधित राज्यों के मंत्री और पंचायत प्रतिनिधि डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे. संपत्ति कार्डों के भौतिक वितरण के लिए 230 से अधिक जिलों में कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं.

बयान में कहा गया कि संपत्ति कार्ड के क्षेत्रीय वितरण समारोह की देखरेख के लिए देशभर से लगभग 13 केंद्रीय मंत्री निर्दिष्ट स्थानों पर शामिल होने की उम्मीद है.

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