ग्रहों की युति, मेष, सिंह और धनु रहे अलर्ट, 14 तारीख को होगा समाप्त

webmorcha.com

ग्रहों की युति 2024: ज्‍योतिष गणना के मुताबिक ग्रह निश्चित वक्त में गोचर करते रहते हैं और विभिन्‍न युति बनाते हैं. इन ग्रहों की युति विभिन्‍न शुभ-अशुभ योग बनाती हैं. 12 फरवरी को चंद्रमा गोचर करके मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं. वहीं राहु ग्रह पहले से ही मीन राशि में मौजूद हैं. जब भी किसी राशि में राहु ग्रह सूर्य या चंद्रमा के साथ युति करते हैं तो ग्रहण दोष बनता है. इस समय मीन राशि में ग्रहण दोष बना हुआ है, जो कि 14 फरवरी की सुबह 10.43 बजे तक रहेगा. इसके बाद चंद्रमा गोचर करके मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसके साथ ही ग्रहण दोष समाप्‍त हो जाएगा. लेकिन तब तक 3 राशि वालों को संभलकर रहना होगा.

ये राशि के लोग रहे सावधान…

मेष राशि – मेष राशि के जातकों के लिए ग्रहों की युति से अशुभ फलदायी हो सकता है. इन जातकों को मेहनत का फल नहीं मिल पाएगा. कई ऐसे काम भी करने पड़ सकते हैं, जो आप नहीं करना चाहते. नौकरी करने वाले जातकों को कुछ समझौते करने पड़ सकते हैं. वहीं कारोबारी जातक अजीब स्थितियों के चलते उलझन में रहेंगे. विरोधी परेशान कर सकते हैं.

सिंह राशि – सिंह राशि के लोगों को ग्रहों की युति से परेशानियां दे सकता है. इस समय लिए गए निर्णय गलत साबित हो सकते हैं बाद में नुकसान पहुंचा सकते हैं. लिहाजा सोच-समझकर निर्णय लें. पैसे उधार देने से बचें. पैसा डूब सकता है. शादीशुदा जीवन में मनमुटाव या समस्‍याएं हो सकती हैं. कामों में बाधाएं आ सकती हैं. आपको अपनी योजनाएं बदलनी पड़ सकती हैं.

धनु राशि – धनु राशि के लोगों को ग्रहों की युति से नुकसान करवा सकता है. व्‍यापार में हानि होने या काम का दवाब ज्‍यादा रहने के योग बन सकते हैं. सरकारी टेंडर लेने वालों को उम्‍मीद से कम पैसा मिलने से परेशानी हो सकती है. उलझन की स्थिति रह सकती है. पार्टनरशिप में काम करने वाले जातक को निवेश के लिए थोड़ा रुकना बेहतर होगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. WebMorcha इसकी पुष्टि नहीं­­ करता है.)

webmorcha.com
ग्रहण

Shani Upay: शनिदेव का ये उपय चमका देते हैं भाग्य, अपना कर देख लें

जानें किस ग्रह से प्रभावित होते हैं शरीर के कौन से अंग

सूर्य-

ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शुभ फलदायी होता है वह तीव्र बुद्धि वाला होता है. लेकिन सूर्य यदि तुला राशि में नीच हो तो अशुभ फल देने लगता है. इसका असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है.

चंद्र-

चंद्र ग्रह मन का कारक कहलाता है. यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो तो इससे व्यक्ति का मन हमेशा विचलित होता है और वह परेशान रहता है. ऐसे व्यक्ति किसी भी कार्य को दृढ़तापूर्वक करने में अक्षम होते हैं.

मंगल–

कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर व्यक्ति को आंख, गले और रक्त संबंधी परेशानियां शुरू होने लगती हैं क्योंकि मंगल ग्रह की चाल आंख और रक्त को प्रभावित करती है.

बुध-

बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी ग्रह हैं. यदि इन दोनों राशियों पर बुध का नियंत्रण है तो इन राशि के जातकों को करियर में कामयाबी मिलती है. लेकिन बुध यदि मीन राशि में नीच स्थान पर हो तो व्यक्ति के शरीर में बीमारियां पनपने लगती हैं. इससे व्यक्ति का पाचन तंत्र, सांस नली, दांत और आवाज पर बुरा असर पड़ता है.

गुरु-

नाक और वायु तंत्र पर देवगुरु बृहस्पति का आधिपत्य है. गुरु ग्रह यदि मकर राशि में नीच स्थान पर होता है तो व्यक्ति को त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं.

शुक्र-

कुंडली में यदि शुक्र ग्रह कमजोर हो तो इसका प्रभाव व्यक्ति के गुप्त अंगों पर पड़ता है. अगर शुक्र कन्या राशि में नीच स्थान पर है तो यह वंश वृद्धि में बाधा उत्पन्न कर सकता है.

शनि-

व्यक्ति के शरीर के नाभि और हड्डियों पर शनि देव का आधिपत्य होता है. कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति का प्रभाव व्यक्ति के घुटनों, पैर और स्नायु तंत्र पर भी पड़ता है.

राहु-

ज्योतिष में राहु को अशुभ ग्रह माना गया है. राहु ग्रह के प्रभाव से सिर, अंतड़ियां, मुख जैसे अंग प्रभावित होते हैं. इससे व्यक्ति को सिर दर्द और इंफेक्शन जैसी समस्याएं होती हैं.

केतु-

केतु शरीर के कई अंगों को बीमारियों से जकड़ लेता है. यह ग्रह विशेषकर गले से दिल तक असर डालता है.

Weather Update: येलो अलर्ट, इन राज्यों आंधी-बिजली के साथ होगी बारिश

https://www.facebook.com/webmorcha

ये भी पढ़ें...

Edit Template