महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव छग शासन व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने झलप क्षेत्र के ग्राम सिंघनपुर में फसल बर्बाद होने से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना पर शोक व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने किसान के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने, उसके पुत्र को सरकारी नौकरी देने, बिजली कटौती बंद करने, लो वोल्टेज की समस्या का स्थाई समाधान की मांग की है। अन्यथा कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेगी।

श्री चंद्राकर ने कहा कि साय सरकार के किसान विरोधी नीति के चलते प्रदेश में किसान आत्महत्या करने विवश हो रहे हैं। लगातार बिजली कटौती, लो वोल्टेज की समस्या से किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं, किसान कर्ज लेकर रबी धान फसल लगाते हैं, लेकिन, अघोषित बिजली कटौती, वोल्टेज की समस्या से फसल बर्बाद होने से किसान मायूस हो रहे हैं। कर्ज के बोझ तले दबे किसान थक हारकर अपना जीवन लीला समाप्त करने मजबूर हो रहे है।
श्री चंद्राकर ने कहा कि ग्राम सिंघनपुर में मृतक किसान पुरन निषाद ने कर्ज लेकर खेत में बोर खुदवाए थे, एक बोर चल रहा था, लेकिन बिजली कटौती की वजह से खेत सूख गया। प्रतिदिन छह से आठ घंटे तथा कभी कभी रात भर बिजली गुल रहती है। बिजली कटौती से खेत में लगी खड़ी फसल को हो रहे नुकसान की वजह से वह परेशान था। उसने झलप के सहकारी बैंक से डेढ़ लाख रुपए का कर्ज लिया था, इसके अलावा साहूकारों से भी उसने खेती किसानी के लिए कर्ज लिया था। रबी फसल काटकर कर्ज अदा करना चाहता था।
लेकिन, लगातार बिजली कटौती से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया। जिससे वह कुछ दिन से काफी गुमसुम व परेशान रहने लगा था। सुबह घर से खेत जाने निकला था, खेत के मेड पर लगे नीम के पेड़ पर उसने फांसी लगा ली। श्री चंद्राकर ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्र में 10–10 घंटे बिजली कटौती कर बड़े उद्योगों को किसानों के हक की बिजली बेच रही है, जिसका परिणाम किसान आत्महत्या के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने शीघ्र किसान परिवार को मुआवजा प्रदान करने तथा किसान के पुत्र को सरकारी नौकरी देने की मांग कर बिजली कटौती बंद करने की मांग की है। कटौती बंद नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।