महासमुंद. अभ्यास प्राथमिक शाला के बच्चे 24 जुलाई को बेहद उत्साहित दिखे। प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र ने अपने पुत्र सार्थक गजेंद्र के जन्मदिन पर स्कूली बच्चों को स्वल्पहार कराया और उन्हें उपहार में पेंसिल बाक्स दिया। पेंसिल बाक्स पाकर खुश हुए बच्चों ने कहा कि वे इस उपहार को संभालकर उपयोग में लाएंगे। सभी ने प्रधान पाठक का धन्यवाद किया। उपहार में पेंसिल बाक्स देने की आवश्यकता पर प्रधान पाठक डेमेश्वरी गजेंद्र ने बताया कि बच्चे अपने बस्ते में पेन और पेंसिल लेकर आते हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि पेन की स्याही बच्चों के कपड़े और कापी-किताबों में लग जाते हैं, पेंसिल बाक्स से बच्चों की यह समस्या दूर होगी। उनका मानना है कि घर में मां-बाप अपने बेटे-बेटियों की बेहतर शिक्षा के लिए अनेक संसाधन उपलब्ध कराते हैं, ठीक उसी प्रकार शिक्षक की जिंदगी में छात्र-छात्राएं उनकी संतानों की तरह महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए औषतन सभी शिक्षक समय-समय पर इस जिम्मेदारी के तहत अपने स्कूल के बच्चों की आवश्यकता को यथासंभव पूरा करने का प्रयास करते हैं।
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स्वल्पहार पर उन्होंने बताया कि हालांकि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। समय-समय पर अतिरिक्त पूर्ण स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार प्रदान करने के उद्देश्य से इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। इससे सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित होती है। समाज के अग्रणी और सक्षम लोग विवाह के वर्षगांठ, जन्मदिन, राष्ट्रीय पर्व आदि विशेष अवसरों पर स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्वल्पहार या पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं।
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अपने जन्मदिन को स्कूली बच्चों के साथ मनाते हुए सार्थक ने कहा कि उसने भी सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है और उसने महसूस किया है कि सामाजिक योगदान से बच्चों की छोटी-छोटी किंतु आवश्यक जरूरतों को पूरा कर सरकारी स्कूलों को कान्वेंट की तर्ज पर संचालित किया जा सकता है। आवश्यकताओं की सहयोगात्मक पूर्ति से बच्चों में असमानता का बोध नहीं होता। जन्मदिन को यादगार बनाते हुए सार्थक ने स्कूल को एक पौधा भेंट किया और कहा कि यह बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम को बढ़ाएगा। इस अवसर पर शिक्षक खेमिन साहू, कल्याणी फेकर, जायसी वर्मा और सरिता साहू विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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