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Rajaneti: क्या Rahul Priyanka कांग्रेस को दिला पाएंगे सुनहरा भविष्य?

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Rajaneti Rahul Priyanka: कांग्रेस की कमान Rahul Priyanka के हाथों में है. राहुल-प्रियंका की सियासी Rajaneti पर सोमवार 17 जून 2024 को आधिकारिक मुहर भी लग गई. राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा कर दी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने इसे सहेज कर रखने का मन बना लिया. राहुल के वायनाड सीट छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी यहां से लोकसभा का उपचुनाव लड़ेंगी. इस सियासी घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि उत्तर में राहुल और दक्षिण में प्रियंका गांधी कांग्रेस का मोर्चा संभालने जा रहे हैं. देखने वाली बात यह होगी कि क्या भाई-बहन की जोड़ी कांग्रेस क्या अब सुनहरा भविष्य दिला पाएंगे।

प्रियंका का Rajaneti करियर शुरू..

Priyanka गांधी की बात करें तो उनके 2019 में सक्रिय राजनीति में एंट्री मारने के बाद सब यही मान रहे थे कि प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की खिसकती जमीन को मजबूती देंगी. उत्तर प्रदेश में उनकी सक्रियता समय-समय पर देखने को भी मिली. इतना ही नहीं माना यह भी जा रहा था कि Priyanka गांधी वाराणसी से PM नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सकती हैं. कई बार यह भी कहा गया कि रायबरेली संसदीय सीट के पारिवारिक गढ़ में कांग्रेस की दिग्गज Sonia Gandhi के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें पेश किया जाएगा.

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Congress की रणनीति

इन सभी बातों के बीच जब 2024 का चुनाव आया तो Congress ने रायबरेली और वायनाड दोनों जगहों पर Rahul गांधी पर दांव खेला. पार्टी का यह दांव सही साबित हुआ और Rahul गांधी ने दोनों ही सीटों पर जीत हासिल की. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस चुनाव में Priyanka गांधी की सियासी समझ भी बखूबी देखने को मिली. उनके सुनने वालों की भीड़ भी बढ़ती चली गई. लेकिन उन्होंने किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा. सियासी धुरंधरों की मानें तो Priyanka को चुनाव नहीं लड़ना कांग्रेस की रणनीति थी.

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Rajaneti: क्या Rahul Priyanka

वायनाड जीतना मुश्किल नहीं होगा

Congress ने तैयारी पहले से ही कर ली थी कि राहुल गांधी अगर दोनों सीट जीतेंगे तो वे रायबरेली से उत्तर में पार्टी का दायरा बढ़ाएंगे. और वायनाड से दक्षिण की कमान प्रियंका गांधी संभालेंगी. कांग्रेस की सोची-समझी तैयारी अब सही साबित हुई है. वायनाड में Priyanka गांधी की चुनावी राह आसान रहने वाली है. क्योंकि वायनाड की जनता का गांधी परिवार से पुरान लगाव है. यह संसदीय सीट राहुल ने लगातार दो बार जीती है. ऐसे में प्रियंका गांधी के लिए वायनाड जीतना मुश्किल नहीं होगा.

Priyanka की जीत में कोई अड़चन नहीं?

Rahul ने 2019 में वायनाड से पहली बार आराम से जीत हासिल की थी. लेकिन उसी समय उन्हें अमेठी के पारिवारिक गढ़ में हार का सामना करना पड़ा था. इस लोकसभा चुनावों में Rahul ने फिर से वायनाड से चुनाव लड़ा, लेकिन अमेठी से रायबरेली चले गए. दोनों सीटें जीतने के बाद राहुल ने वायनाड छोड़ने और रायबरेली बरकरार रखने का फैसला किया है. जिसके बाद Priyanka केरल के वायनाड के सुरक्षित परिवेश से चुनावी राजनीति में पदार्पण करेंगी.

Priyanka की सधी हुई Rajaneti

सोमवार को अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद Priyanka ने कहा, “मैं बिल्कुल भी नर्वस नहीं हूं… मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं। मैं बस इतना कहूंगी कि मैं उन्हें उनकी (राहुल की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी… मेरा रायबरेली से अच्छा रिश्ता है क्योंकि मैंने वहां 20 वर्ष तक काम किया है और यह रिश्ता कभी नहीं टूटेगा.

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Rajaneti Rahul Priyanka

Gandhi फैमली के तीन सदस्य संसद में होंगे

Rajaneti यदि Priyanka लोकसभा उपचुनाव जीत जाती हैं, तो यह पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे. उनकी मां Sonia Gandhi राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं. कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में चकित करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया. कांग्रेस लंबे समय से एक प्रभावी कैंपेनर की तलाश में थी और 2024 के चुनावों में Priyanka गांधी ने जिस तरह से PM मोदी को जवाब दिया है.. उनकी तारीफ होती ही जा रही है. प्रियंका गांधी ने दिखाया कि PM मोदी का मुकाबला किया जा सकता है और उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए अहम भूमिका निभाई.

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Priyanka का जनता से Rajaneti जुड़ाव

PM मोदी के “सोने और मंगलसूत्र” वाले बयान पर पलटवार करते हुए भावुक Priyanka ने मतदाताओं को याद दिलाया कि उनकी मां सोनिया गांधी ने देश के लिए अपना मंगलसूत्र त्याग दिया था. अपने बचपन, अपने पिता राजीव गांधी की हत्या के दर्द और अपनी मां के दुख पर चर्चा करते हुए उन्होंने Congress के अभियान को आगे बढ़ाया. उन्होंने 108 सार्वजनिक बैठकों और रोड शो में हिस्सा लिया.

Rajaneti उन्होंने 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में प्रचार किया और अमेठी और रायबरेली में कार्यकर्ताओं के दो सम्मेलनों को भी संबोधित किया. Priyanka गांधी ने लोगों से अपील की कि वे धर्म और जाति के आधार पर भावनात्मक मुद्दों पर वोट न दें और अपने दैनिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए रोज़ी-रोटी के मुद्दों पर वोट करें. अब कहा जा सकता है कि दोनों भाई-बहन BJP से मुकाबला करने के लिए कमर कस चुके हैं. कांग्रेस के लिए आने वाला वक्त कैसा होगा, इसकी दशा और दिशा इन दोनों के ही हाथों में है.

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