महासमुंद. छत्तीसगढ़ में साढ़े पांच सौ साल से अधिक शासन करने वाले कल्चुरी राजवंश यानि कलार परिवारों का इतिहास स्वर्णिम रहा है, और इसे बनाए रखने की आवश्यकता है। देश के सभी समाजों के साथ सहकार भाव रखते हुए कलार शासकों ने गांव-क्षेत्र के विकास में अपनी भागीदारी निभाई है और आगे भी हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि पूर्वजों के दिखाए रास्ते पर हम ग्राम विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उक्त बातें कलार समाज के जिलाध्यक्ष डॉ. नीरज गजेंद्र ने कही।
परिवार की भूमिका स्पष्ट दिखे
कोमाखान के भलेसर गांव से कलार संपर्क यात्रा की शुरुआत करते हुए डॉ. नीरज ने कलार परिवाराें से कहा कि अब अपनी क्षमता के उपयोग का समय आ गया है। सरकारी सुविधाओं के लाभ और अपनी मेहनत-लगन से कलार परिवार हर क्षेत्र में सक्षम होते जा रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि स्वयं के साथ ग्राम विकास में प्रत्येक परिवार की भूमिका स्पष्ट दिखे।
सर्व समाज में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन, माता बहादुर कलारिन के योगदान का स्मरण करते हुए डॉ. नीरज गजेंद्र कहा कि समाज में कुछ रस्मों को परिस्थितियों के आधार पर शुरू किए गए थे, लेकिन अब आधुनिकता और भौतिकता के चलते अधिकांश परंपराएं रूढ़ीवादी और अप्रासंगिक होने लगी हैं, उनमें सुधार कर भविष्य की रूपरेखा तैयार करने की आवश्कता है।
परिवार संपर्क यात्रा के उद्धाटन कार्यक्रम को संबाेधित करते हुए समाज के जिला संरक्षक ईश्वर सिन्हा ने कलार परिवारों की दानशीलता से अवगत कराया और बताया कि किस तरह से समाज के पूर्वजों ने जनहितैषी कार्यों में अपनी महति भूमिका निभाई है। उन्होंने फिजुलखर्ची पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अनेक गैर जरूरी परंपराओं में सुधार की आवश्यकता बताई, जिसे समाज के सदस्यों ने तत्काल प्रभाव से अमल में लाने का संकल्प लिया।
बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे
समाज के परिक्षेत्र मंडलेश्वर डूमनलाल सिन्हा ने सुअरमाल क्षेत्र में चल रहे सामाजिक गतिविधियों से अवगत कराया और बताया कि समाज के बच्चे अब शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कारिक भी हैं, अब समाज की आर्थिक दशा को मजबूत करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन भलेसर के सरपंच बलराम सिन्हा कर रहे थे। कार्यक्रम में ग्राम के ईश्वर सिन्हा, सियाराम, द्वारकाप्रसाद, टीकम सिंग, रामकुमार, बेदराम, चुम्मन, कंचन सिन्हा, भुखऊराम सिन्हा, हेमनाथ सिन्हा समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे।
समाज सुधार के सुझाव एकत्र करने परिवार संपर्क यात्रा : समाज के जिलाध्यक्ष डॉ. नीरज गजेंद्र ने परिवार संपर्क यात्रा पर चर्चा करते हुए बताया कि समाज में लंबे समय से अनेक अनुपयोगी नियमों का पालन करते हुए रस्मअदायगी की जा रही है, जिसमें परिवर्तन की आवश्यकता है। कई ऐसे सामाजिक संस्कार हैं, जिनकी उपलब्धता और उपयोगिता मौजूदा परिवेश में औपचारिकता बनकर रह गई है। ऐसे नियम जैसे वैवाहिक कार्यक्रम में बहुसंख्यक उपस्थिति, अनावश्यक वस्तुओं का अदान-प्रदान आदि शामिल हैं, उन सब औपचारिक परंपराओं में सुधार के लिए परिवारजनों ने सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं ताकि नियमों में संशोधन किया जा सके।
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