Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat: ज्योतिष गणना के मुताबिक, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और वट के पेड़ की पूजा करती हैं. बता दें कि इस बार वट सावित्री व्रत Vat Savitri जून में रखा जाएगा. हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सत्यवान और सावित्री की कथा सुनाई जाती है.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक वट सावित्री व्रत के दिन सावित्री अपनी चतुराई और यमराज से लड़कर अपने पति सत्यवान के प्राण को वापस लेकर आई थी. Vat Savitri इसी कथा के कारण वट सावित्री व्रत प्रचलित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए विधि-विधान के साथ व्रत रखती हैं. आज जानेंगे वट सावित्री व्रत किस दिन रखा जाएगा और उसका महत्व.
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जानें वट सावित्री व्रत की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार वट सावित्री का व्रत इस बार 6 जून को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए भूखी-प्यासी रखकर व्रत रखती हैं और उनके सुखद जीवन की प्रार्थना करती हैं. Vat Savitri ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो महिलाएं व्रत रखती हैं, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है. और संतान प्राप्ति का वरदान भी मिलता है.
जानें वट सावित्री व्रत का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वट वृक्ष में तीनों देवों का वास होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वट वृक्ष Vat Savitri में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. मान्यता है कि वट वृक्ष के तने में भगवान विष्णु का वास होता है और जड़ में ब्रह्म देव का वास माना जाता है. वहीं, इसकी शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है.
ऐसे में वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष Vat Savitri की पूजा की जाती है. ज्योतिषियों के अनुसार वट वृक्ष की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. साथ ही, सुहागिन महिलाओं के पतियों को दीर्घायु होने कता वरदान मिलता है.
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