आंखों-देखी: चैत्र नवरात्र 2025 समाप्त हो चुका है। लेकिन, रोंगटे खड़े करने वाले एक दृश्य इस नवरात्र में देखने को मिला। दरअसल, सभी देवी मंदिरों में ज्योत कलश जलाई गई। हम बात करने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के एक देवी मंदिर की जहां 115 ज्योत जलाई गई। नवरात्र के आखिरी दिन में यहां एक ऐसी घटना घटी जिसे सुनकर आप भी सहम जाएंगे।
एक छोटा सा 20/30 की कमरा जहां सिर्फ एक दरवाजा लोहे की लगी है। ज्योत के दौरान इस कमरे में 10 मिनट भी रूकना संभव नहीं था। ऐसे में मुख्य बैगा का सहायक बैगा दिए में तेल डालने अंदर प्रवेश किया। अज्ञातवश कहें कि मुख्य बैगा बाहर से दरवाजा का कुंडी चढ़ा दिया। बता दें, इस दौरान मंदिर परिसर में भागवत का कार्यक्रम चल रहा था। कमरे के भीतर फंसे सहायक बैगा बाहर निकलने दरवाजा पीट रहा था, लेकिन माइक और बाक्स की वजह से लोगों को सुनाई नहीं दिया। कमरे के भीतर फंसे बैगा को सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
दरवाजा के नीचे भाग में सांस लेकर अपने आप को बचाने का प्रयास कर रहा था। बाहर निकलने का हर कोशिश उसके सामने फेल साबित हो रहा था। अंतत: बाहर बैठे एक श्रद्धालु की नजर दरवाजें पर पड़ी। और आनन-फानन में उसे बाहर निकाला गया। यह दृश्य दिल-दहलाने वाली थी, उक्त सहायक बैगा पसीने से लथपथ था, मूंह से आवाज नहीं निकल रहा था, डरा हुआ था। लोगों ने उसे पानी पिलाया, तब कही सांस में सांस आई। मां देवी की कृपा से एक बड़ी घटना टल चुकी। लेकिन, इस सबक को सबकों याद रखना चाहिए। यह आंखों देखी होने के साथ कमरे में फंसे हुए बैगा के कथन अनुसार लिखी गई है।