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क्यो नहीं खाना चाहिए सावन में दही और कढ़ी, जानें विशेषज्ञ क्या कहते हैं!

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सावन का पवित्र माह चल रहा है। 22 जुलाई इस मास की शुरुआत हो चुकी है. सनातन धर्म के लिए काफी पवित्र महीना होता है. यही वजह है कि इस महीने लोग अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों में भी काफी बदलाव करते हैं. इसमें लोग रहन-सहन से लेकर अपने खाने-पीने का भी पूरा ध्यान रखते हैं. सावन में आपने कई बडे़-बुजुर्गों को अक्सर यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि सावन का महीना लग गया है, इसमें दही, कढ़ी और साग से परहेज करना चहिए. इन चीजों के पीछे धार्मिक कारण होने के साथ कई वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण भी हैं, जिनसे इन चीजों को खाने के लिए मना किया जाता है.

सावन में दही नहीं खाने का धार्मिक वजह जानिए?

इसके पीछे के यदि धार्मिक कारणों की बात की जाए तो सावन के महीने में लोगों को सात्विक भोजन ही करना चहिए. इससे शरीर तो शुद्ध होता ही है. साथ में आध्यात्मिकता की ओर हमारा ध्यान बढ़ता है. दही और साग हमारी सेहत के लिए चाहे बेशक अच्छे होते हो, लेकिन इन्हें बनाने के तरीके के कारण ये सात्विक भोजन में नहीं गिने जाते हैं.

एक मान्यता यह भी है कि सावन के महीने में भगवान शिव पर दूध, दही चढ़ाया जाता है. ऐसे में इस तरह की चीजों को खाने की मनाही होती है. वहीं इसमें कई पुजारियों का कहना है कि हम जो चीजें भगवान शिव को अर्पित करते हैं, उन्हें भोजन में शामिल करना गलत है.

सावन में दही-कढ़ी नहीं खाने का वैज्ञानिक कारण क्या है?

सावन शुरू होते ही बरसात का मौसम शुरू हो जाता है. ऐसे में पर्यावरण में जीव-जंतु, कीटाणु और विषाणु पनपते हैं. ऐसे में पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन करने से भी बचना चहिए. हम सभी अच्‍छी तरह से इस बात को जानते हैं कि दही बैक्टीरिया से तैयार होता है. ऐसे में इसे खाने से आप कई तरह की बीमारियों से घिर सकते हैं. इसी वजह से डॉक्‍टर भी सलाह देते हैं कि इस मौसम में दही और उससे बनी चीजों जैसे कढ़ी के सेवन से परहेज करें.

सावन में दही-कढ़ी नहीं खाने का आयुर्वेदिक कारण क्या है?

अगर आयुर्वेद की बात करें तो तामसिक भोजन इन दिनों में सुस्‍ती पैदा कर सकता है, जिस कारण आपको नींद आती है. इससे आपका आध्यात्मिक अभ्यास बाधित होता है. दिल्‍ली के ईएसआईसी (इंदिरा गांधी) अस्पताल झिलमिल के सीनियर रेजिडेंट डॉ. युगम प्रसाद शांडिल्य ने न्यूज एजेंसी INAS आईएएनएस को बताया, ‘सावन के महीने में मौसम में काफी नमी रहती है, जिससे कान और गले में इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. ऐसे में हम लोगों को दही खाने के लिए मना करते हैं.’

डॉक्‍टर ने बताया कि ऐसे में लोगों को गले में खराश के साथ कफ की समस्‍या भी पैदा हो सकती है. इसलिए इस मौसम में सभी आयु वर्ग के लोगों के साथ खासकर बच्‍चों को दही का सेवन करने से बचना चहिए.

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