बलौदा बाजार. छत्तीसगढ़ के Baloda Bazaar में सतनामी आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद राज्य की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से पेट्रोल बम जब्त किए हैं. यही नहीं कलेक्ट्रेट परिसर में पथराव के लिए जो पत्थर उपयोग में लाए गए थे उन्हें भी आंदोलनकारी अपने साथ लाए थे. टीम का कहना है कि यह सब देखकर पता चलता है कि हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की पूरी तैयारी थी. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के लिए भड़काऊ पोस्ट से अलग माहौल बनाया था. 10 जून को सतनामी समाज ने शहर में उग्र आंदोलन किया. आंदोलनकारियों ने कलेक्ट्रेट, SP ऑफिस में तोड़फोड़ और आगजनी की.
सूत्रों के अनुसार आंदोलन से पहले भीम रेजीमेंट छत्तीसगढ़ नाम का एक संगठन सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ माहौल बनाकर लोगों को 10 तारीख के आंदोलन में जुड़ने की अपील कर रहा था. इस संगठन के छत्तीसगढ़ प्रमुख दिनेश चतुर्वेदी ने 5 जून को हुई घटना के बाद गिरफ्तार आरोपियों को लेकर सवाल उठाते हुए कई भड़काऊ पोस्ट किए थे. इस मामले में सरकार ने समाज के लोगों की मांग के बाद पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जाँच के भी आदेश दिए थे.
बलौदाबाजार हिंसक प्रदर्शन के बाद SP-कलेक्टर हटाए गए
भीम रेजीमेंट छत्तीसगढ़ ने किए थे भड़काऊ पोस्ट
इसे समाज के प्रमुख गुरूओं ने सरकार द्वारा उठाया कड़ा कदम बताया था. लेकिन दिनेश और उनके संगठन के लोगों ने इन सारे कदमों को नाकाफी बताते हुए समाज प्रमुखों भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया और 10 जून के आंदोलन में लोगों से शामिल होने की अपील की. कई भड़काऊ पोस्ट किए. इंटिलिजेन्स एजेंसी को सबूत मिले हैं कि आंदोलन को भड़काने में भीम रेजिमेंट के कई लोग शामिल हैं.
अब प्रदर्शनकारियों की हो रही धर-पकड़
Baloda Bazaar हिंसा मामले में संदेहियों से लगातार पूछताछ की जा रही है. इस मामले में गिरफ्तारियां भी हुई हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग आगजनी में हुए नुकसान का आंकलन कर रहा है. सभी दस्तावेजों की लिस्टिंग की जा रही है. वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है. इस प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. Baloda Bazaar जिले और संभाग के बड़े अधिकारी मौके पर हैं और वे सभी वहां कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद कर रहे हैं.
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