Shardiya Navratri 2024 5th Day : आज नवरात्र का पाचवां दिन है। सनातन धर्म में नवरात्रि का त्योहार अन्य प्रमुख त्योहार में से एक है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. शारदीय नवरात्रि का ये पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. आज मां दुर्गा के 5वें स्वरूप यानी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. धार्मिक पुराणों के अनुसार, भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. देवी स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत पसंद है, जो शांति और सुख का प्रतीक है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा कैसे की जाए आइए जानते हैं…
मां स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि जब आप दूसरों के साथ प्रेम और सहयोग से रहते हैं, तो जीवन में शांति और संतुलन आता है। चाहे कितना भी व्यस्त जीवन क्यों न हो, अपने परिवार और समाज के लिए समय निकालो। न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के जीवन को भी बेहतर बनाने की कोशिश करो। प्रेम और सेवा ही वह निधि है, जो जीवन को सच्चे अर्थों में सफल बनाती है। समाज में एक अच्छा नेतृत्वकर्ता वही होता है, जो सेवा की भावना से काम करता है।
ऐसा है स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता का ये स्वरूप कमल के आसन पर विराजमान हैं, जिसके कारण उन्हें देवी पद्मासना भी कहा जाता है. स्कंदमाता का वाहन सिंह है और उनकी चार भुजाएं हैं. जिसमें से दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में कमल का पुष्प है. दाईं तरफ की नीचे वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में विराजमान हैं. जबकि, बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में कमल पुष्प और नीचे वाली भुजा वरमुद्रा में है.
इस विधि से करें स्कंदमाता की पूजा
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के स्वरूप की पूजा होती है.
सुबह जल्दी उठ कर स्नानदि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
अब उस स्थान पर माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें जहां आपने कलश स्थापना की है.
इसके बाद आप माता को फूल चढ़ाएं, फिर फल और मिष्ठान का भोग लगाएं.
अब धूप दीप जलाएं और फिर स्कंदमाता की आरती करें.
इस विधि से पूजा करें, स्कंदमाता का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होगा.