दिलीप शर्मा रायपुर। छत्तीसगढ़ में अघोषित बिजली कटौती को लेकर आज कांग्रेस पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने जा रही है। यह प्रदर्शन सभी जिला ब्लॉक मुख्यालयों पर किया जाना है। इस प्रदर्शन में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी भी रहेगी. कांग्रेस लगातार बिजली की खपत को लेकर ट्वीट कर रही थी. कांग्रेस बिजली की समस्या को लेकर 4 जुलाई को प्रदर्शन करने वाली थी लेकिन किन्हीं कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था.
अब सवाल उठता है कि जिस समय छत्तीसगढ़ के सत्ता में कांग्रेस सरकार आई उस समय बिजली व्यवस्था बेलागाम हो चुका था। आज तो पहले से बेहतर बिजली व्यवस्था गांवों में है। बरसात के दिनों में ऐसे स्थिति हर साल देखने को मिलती है। लेकिन, कांग्रेस की सियासत में किसी तरह के कोई मुद़दे न मिलने से अब बिजली व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। हांलाकि यहीं कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले छत्तीसगढ़ के पत्रकार पर FIR कर प्रताड़ित किया गया था।
बात हम छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की कर रहे हैं। जहां पर पत्रकार दिलीप शर्मा ने कांग्रेस शासन में जून 2019 में बिजली व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जिले के कोमाखान और पटेवा क्षेत्र के 50 गांवों में 48 घंटे से बिजली व्यवस्था लडखड़ाई शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। इस खबर पर शासन-प्रशासन को इतनी मिर्ची लगी कि आधी रात पत्रकार को उनके बेडरूम से गिरफ्तार करवाना पड़ा था। अब राजनीतिक रोटी सेकने के लिए कांग्रेस के कर्ता-धर्ता बिजली समस्या को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं।
जबकि 2019 की बात करें तो उस समय बिजली की समस्या गांवों में विकराल रूप धारण कर लिया था। छत्तीसगढ़ में कई घंटों तक बिजली की अघोषित कटौती हो रही रही थी। लगातार 10 साल से सत्ता पर काबिज रहे विपक्ष पार्टी के लोग कांग्रेस को इस समस्या के लिए लगातार घेर रहे रहे थे। लेकिन, खिसायानी बिल्ली खंबा नोचे की तर्ज पर कांग्रेस ने राजनांदगांव और महासमुंद जिले के पत्रकार पर राजद्रोह जैसे धारा लगाकर प्रताड़ित किया था।
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