Kharmas 2024: गुरुवार अर्थात 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास (Kharmas) की शुरुआत हो रही है. ये खरमास (Kharmas) 13 अप्रैल तक चलेगा. खरमास के दौरान भूलकर कोई शुभ काम शुरू नहीं किए जाते. जैसे इस दौरान नई सम्पत्ति, नया वाहन, गृह प्रवेष, विवाह समेत कोई भी मंगल कार्य करने की मनाही होती है.
‘पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य अपने वाहन घोड़ों पर दया करके उन्हें कुछ समय विश्राम देते हैं और उन्हें पानी पिलाने के लिए तालाब लेकर जाते हैं. किंतु सूर्य भगवान एक बार थम जाएं तो सृष्टि कैसे चलेगी. इसलिए वह तालाब किनारे खड़े खरों यानि गधों को उन्होंने अपने रथ के आगे लगा दिया.
चूंकि घोड़ों के मुकाबले गधों की गति काफी धीमी होती है इसलिए ये मान्यता है कि चाहे कारोबार हो या कोई मंगल कार्य यदि इस कालावधि में किया तो वह फलीभूत नहीं होता. इसलिए खरमास (Kharmas) में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इन शुभ कार्यों में बच्चे का मुंडन और नामकरण, गृह प्रवेश, विवाह समारोह, नए प्रतिष्ठान का उद्घाटन आदि को खरमास के पूर्ण होने तक टालना ही बेहतर होता है.
ये है पहला खरमास, दिसंबर में होगा दूसरा
इस साल का पहला खरमास 14 मार्च दिन गुरुवार से लगेगा. उस दिन सूर्य देव सुबह में 11 बजकर 16 मिनट पर मीन राशि में गोचर करेंगे. उस दौरान सूर्य की मीन संक्रांति होगी. उस समय से खरमास (Kharmas) लग जाएगा. बता दें कि ये इस साल का पहला खरमास है. इस साल का दूसरा खरमास 15 दिसंबर दिन रविवार को लगेगा. सूर्य देव 15 दिसंबर को रात 08 बजकर 49 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे और खरमास शुरू होगा. ये खरमास अगले साल 2025 में मकर संक्रांति को होगा.
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खरमास में क्या करें
- – खरमास (Kharmas) में दान का बहुत महत्व होता है. इसलिए 13 अप्रैल तक जितना हो सके जरूरतमंदों को पैसे या वस्तुओं का दान करें.
- – धार्मिक क्रियाकलापों की दृष्टिकोण से खरमास का बेहद महत्व होता है. इसलिए इन दिनों में धार्मिक यात्राएं करना सही रहता है.
- – तुलसी के पौधे के सामने रोजाना घी का दीपक जलाएं.
- – सत्कर्म कर भगवान का स्मरण करें. नित्य तुलसी पूजा और दान के साथ खरमास बीत जाने के बाद किया गया शुभ कार्य ज्यादा फलदायक होगा.
खरमास के दौरान करें ये काम
खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य करना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल और अक्षत डाल लें।
मलमास के दौरान जप, तप और दान करने का विशेष महत्व है। इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
खरमास के दौरान गाय, ब्राह्मण आदि की सेवा सत्कार जरूर करना चाहिए।
खरमास में पूरे एक माह में एक बार जरूर किसी न किसी तीर्थ स्थल में जाना चाहिए।
खरमास में करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ सूर्याय नम:
- ॐ घृणि सूर्याय नम:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
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खरमास में राशियों पर असर
मेष वालों को आंखों और यात्राओं का ध्यान रखना होगा.
वृष वालों के रुके हुए काम पूरे होंगे.
मिथुन वालों को पद प्रतिष्ठा का लाभ होगा.
कर्क वालों को स्वास्थ्य और यात्राओं का ध्यान रखना चाहिए.
सिंह वालों को दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए.
कन्या राशि वाले अपने वैवाहिक जीवन का ध्यान रखें.
तुला राशि वालों को समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.
वृश्चिक राशि वालों को स्वास्थ्य और शिक्षा का ध्यान रखना होगा.
धनु राशि वाले अपने स्वास्थ्य और करियर का विशेष ध्यान रखें.
मकर राशि वालों के रुके हुए काम पूरे होंगे.
कुम्भ राशि वाले आंखों और चोट-चपेट का ध्यान रखें.
मीन राशि वालों के करियर में आकस्मिक परिवर्तन होगा