महासमुंद (छत्तीसगढ़)। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर हो रहे हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला महासमुंद जिले के बाम्हनडीह का है, जहां डिजिटल समाचार सेवा “WebMorcha.com” के संपादक दिलीप शर्मा को जान से मारने की धमकी दी गई। इस घटना ने न केवल पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पत्रकारों के संवैधानिक अधिकारों और सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकार शर्मा की शिकायत के अनुसार 30 नवंबर 2024 को सुबह 10 बजे जब वे समाचार संकलन के लिए ग्राम पटपरपाली स्थित एक स्थान पर मौजूद थे, तभी बाम्हनडीह निवासी जगत गुप्ता जो हाथ में देशी कट्टा लिए थे, अपने 10-12 साथियों के साथ वहां पहुंचे। इन लोगों ने लाठी और तलवारें भी ले रखी थीं।
श्री गुप्ता ने दिलीप शर्मा को धमकी दी कि यदि उन्होंने क्षेत्र में पलायन से जुड़ी खबरें प्रकाशित या प्रसारित कीं, तो उनका परिवार सुरक्षित नहीं रहेगा। श्री शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने न केवल उनकी मां-बहन को गंदी गालियां दीं, बल्कि सार्वजनिक रूप से उनकी पत्रकारिता को “रखैल” कहकर अपमानित किया। उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर क्षेत्र में पलायन से जुड़ी खबरें प्रकाशित की गईं, तो उनका परिवार सुरक्षित नहीं रहेगा।
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों में गांव के निवासी सुरीत साहू और मनोज चंद्राकर शामिल थे, जिन्होंने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला और आरोपियों को मौके से भगाया। इसके बावजूद, दिलीप शर्मा और उनका परिवार मानसिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रहा है। पत्रकार दिलीप शर्मा ने थाना प्रभारी से मामले की गंभीरता को समझते हुए श्री गुप्ता और उनके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करती है। ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज में स्वतंत्र और निडर पत्रकारिता को सुरक्षित रखा जा सके। पत्रकारिता लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसे संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। लेकिन इस प्रकार की घटनाएं न केवल पत्रकारों के कार्य में बाधा उत्पन्न करती हैं, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डालती हैं।
इस घटना के बाद पत्रकार संघ और प्रेस क्लब के सदस्य एकजुट होने लगे हैं। महासमुंद जिले के वरिष्ठ पत्रकारों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे पत्रकारिता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। पत्रकारों का कहना है कि पत्रकारिता का उद्देश्य सत्ता और समाज के बीच पुल का काम करना है। इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र की नींव को कमजोर करती हैं। पत्रकार संघ ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस खबर को लेकर भट्ठा दलाल बिलबिलाया
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